● आरोपी चेतन वर्मा तत्कालिक पटवारियों के अधिनस्थ मासिक वेतन पर सहायक के रूप में कार्य करते हुए दिया घटना को अंजाम
• एम.सी.ए. तक पढ़े लिखे आरोपी को थाना ठेलकाडीह पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए धर दबोचा गया।
मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि आवेदक तिलक वर्मा पिता गरीब दास वर्मा उम्र 29 साल निवासी वार्ड न. 05 मोतीपुर राजनांदगांव ने थाना ठेलकाडीह में लिखित आवेदन पेश किया कि ग्राम तिलईभाठ निवासी चेतन वर्मा के द्वारा षडयंत्र पूर्वक जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन का विक्रय किये जाने के संबंध में कि खसरा क्रमांक 68/3 रकबा 1.098 हेक्टेयर भूमि ग्राम तिलईभाट पटवारी हल्का नंबर 18 की भूमि को दिनांक 28.10.2020 को 6,80,000 रूपये में प्रार्थी के द्वारा खरीदा गया था। जिसका राजस्व विभाग में नामांतरण के पश्चात् भूमि का कब्जा लेने के लिये गया तब मौके पर ज्ञात हुआ कि उक्त खसरा नंबर की भूमि मौके पर विद्यमान नहीं है जिससे प्रार्थी को यह स्पष्ट हुआ कि ऑनलाईन रिकार्ड में छेड़छाड़ कर आरोपी द्वारा प्रार्थी के साथ धोखाघड़ी किया गया। जिसकी रिपोर्ट पर प्रथम दृष्टया भा0द0वि0 की धारा 420, 467, 468, 471, 34 भादवि की अपराध घटित करना पाये जाने से आरोपीगण के विरूद्ध थाना ठेलकाडीह में अपराध क्रमांक 58/2022 धारा सदर का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस अधीक्षक महोदय संतोष सिंह के निर्देशानुसार एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महोदय संजय महादेवा, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी खैरागढ़ दिनेश कुमार सिन्हा के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी ठेलकाडीह सतीश पुरिया के नेतृत्व में उक्त प्रकरण की जाँच करने विशेष टीम का गठन कर आवेदक एवं गवाहों का विस्तृत कथन लेकर घटनास्थल का निरीक्षण किया गया तथा उक्त खसरा नंबर के मूल स्वामी से पूछताछ कर विस्तृत कथन लेने पर ज्ञात हुआ कि खसरा नं० 68 केवल 53 डिसमील की मूल भूमि है जिसका 68/1 व 68/ 2 ही बटांकन हुआ है। तीसरा बटांकन कभी नहीं हुआ है। इस संबंध में पटवारी से राजस्व विभाग से संबंधित दस्तावेज प्राप्त करने पर यह ज्ञात हुआ कि विवादित खसरा नं0 68/3 रकबा 1.098 हेक्टेयर केवल ऑनलाईन भुईयां पोर्टल रिकार्ड में दर्ज है, परंतु मेनुवल रिकार्ड पर इसका कोई रिकार्ड नहीं है। जानकारी प्राप्त करने के पश्चात् तत्काल आरोपी चेतन वर्मा को हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर उसने यह बताया कि वह विभिन्न पटवारियों के अंदर उनके निर्देशन में राजस्व विभाग से संबंधित समस्त कार्य मासिक वेतन पर करता था। उसी दौरान मेनुवल रिकार्ड को ऑनलाईन रिकार्ड दर्ज करते समय उक्त खसरा नंबर का सृजन कर अपने नाम पर उक्त खसरा नंबर का स्वामित्व दर्शित किया था। मौके पर उक्त खसरा नंबर की भूमि नहीं होना बताया और उक्त विवादित खसरा नंबर के दस्तावेज उपलब्ध कर जप्त कराया। आरोपी के द्वारा धोखाधड़ी कर जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उसे असली बताकर प्रार्थी तिलक वर्मा को 6,80,000 रूपये में बिक्री कर धोखाधड़ी करने का सबूत पाये जाने से आरोपी को विधिवत् गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया है। प्रकरण में संलिप्त अन्य आरोपियों का जानकारी राजस्व विभाग से प्राप्त की जा रही है।