जम्मू-कश्मीर (Jammu kashmir) में सुरक्षाबलों (Security Forces) को बड़ी कामयाबी मिली है. सुरक्षाबलों ने कुलगाम (Kulgam) जिले में दो आतंकियों को ढेर कर दिया है. पुलिस के मुताबिक, कुलगाम के नौपोरा-खेरपोरा, त्रुबजी इलाके में मुठभेड़ हुई. इसी दौरान सुरक्षाबलों को ये कामयाबी मिली. मारे गये आतंकी लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े हुए थे.
सूत्रों के मुताबिक सीमापार से करीब 150 आतंकी जम्मू कश्मीर में घुसपैठ की फिराक में हैं. इसके अलावा वहां पर 500 से 700 के करीब अन्य आतंकियों की ट्रेनिंग 11 ट्रेनिंग कैंप में चल रही है. सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबल लगातार सीमापार से होने वाली मुठभेड़ को नाकाम करने में जुटे हुए हैं.
घुसपैठ की कोशिशें नहीं हो पाईं कामयाब
सेना के अधिकारी ने ये भी कहा कि इस साल एलओसी पार से घुसपैठ की कोई कोशिश कामयाब नहीं हो सकी है. अधिकारी ने बताया कि आतंकी पहले से अपनाए गए रास्तों के अलावा दूसरे रास्तों की भी तलाश कर रहे हैं. सेना के अधिकारी ने पहचान गुप्त रखते हुए कहा कि एलओसी के उस पास मनसेरा, कोटली और मुजफ्फराबाद स्थित 11 प्रशिक्षिण शिविरों में 500 से 700 लोग आतंकवाद का प्रशिक्षण ले रहे हैं. मई तक सब कुछ ठीक रहा है. एक विशेष समूह था जिसके बारे में आप जानते हैं और उसे बांदीपोरा और सोपोर में मार गिराया गया.
उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कह रहा हूं कि हमने शून्य घुसपैठ सुनिश्चित करने के लिए प्रणाली बना ली है. हां, यहां घुसपैठ की संभावना बनी हुई है, लेकिन हाल के वर्षों में जिस तरह से हमने मजबूत सुरक्षा दीवार बनाई है, निगरानी उपकरणों सहित जिस तरह से तैनाती की गई है, उससे घुसपैठ में सफल होने की दर नीचे चली गई है.
वैकल्पिक रास्तों की तलाश में हैं आतंकी
उन्होंने कहा कि इसका नतीजा है, कि जब एक ओर दबाव बढ़ता है तो वे वैकल्पिक रास्तों की तलाश करते हैं. वे (आतंकवादी) अब दक्षिण पीर पंजाल के राजौरी-पुंछ के रास्ते से घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं. अन्य मार्गों के मुकाबले यहां (कश्मीर घाटी में) घुसपैठ कम हुआ है.