डक्ट-टेप केले की कलाकृति, जिसे ‘कॉमेडियन’ कहा जाता है. इसकी 2019 में सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हुई. यह कलाकृति केवल डक्ट टेप के साथ दीवार पर चिपका हुआ एक ताजा केला के रूप में दिखाई दिया. मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए, आर्ट बेसल मियामी बीच (Art Basel Miami Beach) पर इस पीस के दो एडिशन US$120,000 (91 लाख से ज्यादा) में बिके. कम से कम कलाकृति तो दिखाई दे रही थी. पिछले साल, एक इटैलियन आर्टिस्ट एक ‘अदृश्य मूर्तिकला’ की नीलामी करने में कामयाब रहा, जिसमें सचमुच कुछ भी नहीं बना था.
अदृश्य मूर्तिकला की हो चुकी है नीलामी
67 वर्षीय सल्वाटोर गरौ (Salvatore Garau) ने उस कलाकृति की नीलामी की जो वास्तव में मौजूद ही नहीं है. ‘अदृश्य मूर्तिकला’ को €6,000-9,000 (5 से साढ़े सात लाख रुपए) के बीच बेचे जाने का अनुमान था. लेकिन क्या गरौ ‘अदृश्य कलाकृति’ बनाने वाले पहले कलाकार थे? इसका उत्तर नहीं है क्योंकि कलाकार यवेस क्लेन ने इसे 1950 के दशक में प्रसिद्ध किया था. उन्होंने कई ‘अदृश्य’ या ‘काल्पनिक’ कलाकृतियां बनाईं.
काफी प्रसिद्ध हो गई थी अजीबोगरीब चीज
1958 में ‘द वॉयड’ नाम की एक प्रदर्शनी में क्लेन ने एक खाली कमरे में एक बड़ा कैबिनेट रखा था. और इसके बाद, हजारों पैसे देकर आने वाले विजिटर्स ‘कुछ भी नहीं’ की एक झलक पाने के लिए गैलरी में पहुंचे. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अजीबोगरीब चीज काफी प्रसिद्ध हो गई और क्लेन ने कलेक्टर्स को सोने के वजन के बदले में गैर-मौजूद और वैचारिक स्थानों की एक श्रृंखला खरीदने का मौका दिया. क्लेन ने शुद्ध सोने के वजन के बदले में ‘काल्पनिक कला’ के कई टुकड़े बेचे. वह हर लेनदेन के बाद खरीदारों को रसीद भी जारी करता था.
नीलामी में 4 करोड़ रुपए में बिक सकती है रसीद
क्लेन की मृत्यु के लगभग 60 साल बाद, उनके द्वारा एक हस्तलिखित रसीद लिखी गई थी ताकि यह साबित किया जा सके कि कलाकृति का स्वामित्व जल्द ही बिक्री के लिए जा रहा है. इससे अब नीलामी में 5,50,000 डॉलर (4 करोड़ रुपये) से ज्यादा की कमाई हो सकती है.
सन् 1959 में दी गई थी रसीद
ऑक्शन हाउस सोथबी के अनुसार, अजीबोगरीब चीज की रसीद सिर्फ 5,51,000 डॉलर तक मिल सकती है. रसीद 7 दिसंबर, 1959 की है. यह क्लेन की मृत्यु से ठीक चार साल पहले लिखी गई थी. कागज का टुकड़ा मूल रूप से एंटीक डीलर जैक्स कुगेल को जारी किया गया था. उस वक्त की रसीदें अत्यंत दुर्लभ हैं क्योंकि क्लेन अपनी कलाकृतियों के खरीदारों को एक अनुष्ठान में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता था जिसमें रसीद को जलाना और आधा सोना सीन नदी में फेंकना शामिल था.