दिल्ली में आप और कांग्रेस की राहें अब अलग हो गईं हैं. दोनों पार्टियों को लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद अब दोस्ती खत्म करने का ऐलान कर दिया गया है. आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में अकेले उतरने की बात कही तो अब कांग्रेस की ओर से भी जवाब आ गया है. कांग्रेस पार्टी ने भी ‘आप’ की तरह कहा है कि गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए ही था.
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने आम आदमी पार्टी की बात को ही दोहराते हुए कहा कि दोनों दलों का यह गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए ही था. उन्होंने कहा, ‘मैं साफ करना चाहता हूं कि हमारा गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए था. हम लगातार यह कहते आए हैं कि हमारा गठबंधन लोकसभा चुनाव तक सीमित था.’ यादव ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन बनाया गया था. देश के लोकतंत्र बचाने की लड़ाई में एक विचारधारा वाले लोग साथ आए.
देवेंद्र यादव ने यह भी कहा कि आप और कांग्रेस के गठबंधन को जनता ने स्वीकार किया और इसलिए वोट बढ़ गए. उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में आम आदमी पार्टी भी हमारे साथ आई. हमने चुनाव लड़ा, अच्छे कोऑर्डिनेशन के साथ लड़ा. मुझे खुशी है कि लोगों ने स्वीकार भी किया. हमारा वोट फीसदी बढ़ा.’ कांग्रेस नेता ने कहा कि विपक्ष की भूमिका निभाते हुए दिल्ली में वापसी की जाएगी. उन्होंने कहा, ‘कल भी हमने चर्चा की अपने सीनियर्स से, अगले दो दिन भी हम साथियों से संपर्क में हैं. क्या कमियां रह गईं कि हम सीट नहीं जीत पाए, उन सभी चीजों पर चल रही है. हम कमियों को सुधारकर, मजबूत विपक्ष की भूमिक निभाते हुए दिल्ली में भी कांग्रेस को वापस लाएंगे.’
इससे पहले गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर आम आदमी पार्टी की बैठक के बाद वरिष्ठ नेता और प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने जा रही है. उन्होंने कहा कि गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए ही था. आप और कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सात सीटों पर साझा उम्मीदवार उतारे, लेकिन एक भी सीट पर जीत नहीं मिल सकी.