रायपुर। प्रभु राम का जीवन चरित्र हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद आत्म नियंत्रण कर जीवन कैसे जिया जाए। सभी मर्यादाओं का पालन करते हुए संबंधों को कैसे निभाया जाए यह प्रभु राम हमे सिखाते है। इसीलिए आज के समय में सुखी रहने के लिए उनके जीवन आदर्शों पर चलने की महती आवश्यकता है। यह विचार पूर्व धर्मस्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने सुधी मानस मंडली जय भैरव बाबा संस्थान मठ पुरैना द्वारा आयोजित दो दिवसीय अखंड रामायण के अवसर पर कही।
साथ ही उन्होंने भाई प्रेम का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रभु राम को 14 वर्ष का वनवास जाना पड़ा परंतु उनकी जगह पर उनके छोटे भाई भरत ने राज नहीं किया बल्कि प्रभु राम की खड़ाऊ को रखकर उसे राजा मानकर राजपाट संभाला। उपस्थित श्रद्धालुओं के समक्ष रामराज पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि रामराज का मतलब सुशासन होता है। ऐसा शासन जिसमें कोई दुखी ना हो। ऊंच नीच, छोटे बड़े का भेद ना हो। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार भारत में रामराज लाने की सोच के साथ आगे बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि हम छत्तीसगढ़ वालों का सौभाग्य है कि प्रभु राम की माता कौशल्य की जन्मभूमि यहां है। यही वजह है कि इस पवित्र छत्तीसगढ़ की भूमि में सभी भांजों को प्रभु राम मानकर उनका चरण स्पर्श किया जाता है।
बृजमोहन ने कहा कि सदियों के बाद हिंदू जागरण का काल अब आया है। अयोध्या में प्रभु रामलला का भव्य मंदिर अब बन रहा है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण हो चुका है। महाकाल मंदिर की भव्यता और दिव्यता अब देखते ही बन रही है। सोमनाथ मंदिर का भी कायाकल्प किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से वोट बैंक के लिए सनातन धर्म को ताक में रखकर शासन होता रहा। परंतु आज के दौर में सनातन धर्म व परंपराओं को आत्मसात करके सभी धर्म-समाज के हितों को ध्यान में रखकर मोदी सरकार चल रही है।