शेयरधारकों पर क्या होगा इसका असर?
नई दिल्ली. IDFC फर्स्ट बैंक के निदेशक मंडल ने आईडीएफसी लिमिटेड के अपने साथ विलय को सोमवार को मंजूरी दे दी. इसके लिए शेयर एक्सचेंज रेश्यो भी फिक्स कर दिया गया है. आईडीएफसी लिमिटेड के शेयरधारकों को हर 100 शेयर पर बैंक में 155 शेयर अलॉट किए जाएंगे. विलय के बाद आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के शेयरों की वैल्यू में 4.9 फीसदी का उछाल आएगा.
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने सोमवार को शेयर बाजार को दी गई जानकारी में बताया कि आईडीएफसी एफएचसीएल, आईडीएफसी लिमिटेड और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के कॉरपोरेट ढांचे के सरलीकरण के मकसद से ऐसा किया जा रहा है. बैंक का कहना है कि इससे रेग्लुलेशंस के अनुपालन में भी आसानी होगी. गौरतलब है कि यह एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के विलय के बाद भारत में वित्तीय क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा मर्जर है.
कितना बड़ा विलय
इस संबंध में IDFC फर्स्ट बैंक की ओर से कोई जानकारी नहीं मुहैया कराई गई है. हालांकि, सोमवार को बाजार बंद होने तक दोनों कंपनियों के शेयरों की कीमत के हिसाब से देखा जाए तो इस डील की वैल्युएशन करीब 71767 करोड़ रुपये होगी.
मंजूरी मिलना बाकी
अभी इस विलय को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI), सेबी, NCLT व शेयर बाजारों समेत अन्य सभी नियामकीय संस्थानों से मंजूरी मिलना बाकी है. इसके अलावा दोनों ही कंपनियों के शेयरहोल्डर्स द्वारा भी इसे मंजूरी दिया जाना बाकी है.
कंपनियों के वित्तीय आंकड़े
वित्त वर्ष 2022-23 के अंत तक IDFC फर्स्ट बैंक के पास 2.4 लाख करोड़ रुपये के एसेट थे. इसका टर्नओवर 27,194 करोड़ रुपये था. वित्त वर्ष 23 में बैंक को 2437 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था. वहीं, IDFC लिमिटेड की बात करें तो इसके बाद बीते वित्त वर्ष के अंत तक 9570 करोड़ रुपये के एसेट थे और इसका टर्नओवर 2076 करोड़ रुपये था.
शेयरधारकों पर क्या होगा असर?
सोमवार को IDFC फर्स्ट बैंक के शेयर एनएसई पर 2.90 फीसदी बढ़कर 81.70 रुपये पर बंद हुए. वहीं, आईडीएफसी लिमिटेड 7 फीसदी की तेजी के साथ करीब 110 रुपये पर बंद हुआ. अगर यह विलय होता है तो आईडीएफसी लिमिटेड के निवेशकों अतिरिक्त शेयर मिलेंगे और आईडीएफसी फर्स्ट के शेयरों में तेजी के कारण उन्हें जबरदस्त मुनाफा होगा.