रूस के बाद अब भारत के खिलाफ बड़ा एक्शन… यूरोपियन यूनियन ने तीन कंपनियों को ब्लैक लिस्ट में डाला

EU Bans Three Indian Companies: अमेरिका, रूस और भारत के बीच चल रहे तेल के खेल में अब यूरोपियन यूनियन (European Union) भी कूद पड़ा है। अमेरिका द्वारा रूस के दो बड़ी तेल कंपनियों पर बैन लगाने के बाद यूरोपियन यूनियन ने भारत के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए तीन भारतीय कंपनियों पर बैन लगा दिया है। रूसी सेना से संबंध रखने का आरोप लगाते हुए ईयू ने ये मनमाना प्रतिबंध लगाया है। साथ ही ईयू ने चीन की 12 कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाया है। ये प्रतिबंध यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के खिलाफ उस पर आर्थिक दबाव बनाने के प्रयासों का हिस्सा है। फिलहाल यूरोपीय संघ की कार्रवाई पर भारतीय अधिकारियों की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

दरअसल रूसी सेना के साथ कथित संबंधों के लिए गुरुवार को यूरोपियन यूनियन ने दुनिया भर की 45 संस्थाओं को बैन किया था। इसमें तीन भारतीय कंपनियां भी शामिल है। यूरोपीय संघ ने प्रतिबंधों के अपने 19वें पैकेज के तहत इन कंपनियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की है।

यूरोपियन यूनियन ने कहा है कि इन 45 में से 17 कंपनियां ऐसी हैं जो रूस में नहीं हैं। इन 17 में 12 चीन-हॉन्गकॉन्ग की हैं, 3 भारत की हैं और 2 थाईलैंड की हैं। यूरोपियन यूनियन ने चीन की जिन 12 कंपनियों को प्रतिबंधित किया है उन पर कथित रूप से रूसी सैना को तेल, रसायनों और दोहरी उपयोग वाली वस्तुओं की आपूर्ति करके प्रतिबंधों का उल्लंघन करने का आरोप है। यूरोपियन यूनियन का मुख्य फोकस रूसी तेल की खरीद और परिवहन पर है, जो रूस की युद्ध अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही हैं। यूरोपियन यूनियन इस फैक्टर को कमजोर करना चाहता है. इन प्रतिबंधों में संपत्ति जमाबंदी, वित्तीय लेनदेन पर रोक और यात्रा प्रतिबंध शामिल हैं।

इन भारतीय कंपनियों पर लगाया बैन

जिन तीन कंपनियों को प्रतिबंधित किया गया है, उनमें Aerotrust Aviation Private Limited, Ascend Aviation India Private Limited और Shree Enterprises शामिल है। एरोट्रस्ट विमानन क्षेत्र से जुड़ी कंपनी है। इस कंपनी पर रूसी सेना को तकनीकी सहायता प्रदान करने का आरोप है। दूसरी कंपनी Ascend Aviation विमानन क्षेत्र की कंपनी है। यूरोपियन यूनियन का दावा है कि इस कंपनी ने निर्यात प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है। वहीं तीसरी कंपनी सामान्य व्यापारिक इकाई है। ईयू के अनुसार इस कंपनी पर रूसी सेना के साथ रिश्ते हैं। यूरोपीय संघ की कार्रवाई पर भारतीय अधिकारियों की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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