दिल्ली के कथित शराब घोटाले में आरोपी भारत राष्ट्र समिति (BRS) नेता के. कविता को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने 10 लाख के बेल बाउंड पर उन्हें जमानत देते हुए कुछ शर्तें भी लगाईं. के कविता को अपना पासपोर्ट जम करना होगा. देश की सबसे बड़ी अदालत ने उन्हें यह भी कहा है कि सबूतों से छेड़छाड़ की कोशिश ना की जाए. के कविता को ऐसे समय पर जमानत मिली है जब हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को भी 18 महीने बाद इसी महीने कैद से आजाद किया.
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कविता को जमानत देते हुए यह भी साफ किया है कि मेरिट पर किसी तरह की टिप्पणी नहीं की गई है ताकि ट्रायल पर कोई असर ना हो. के कविता करीब 5 महीने से जेल में बंद थीं. ED और CBI ने सिसोदिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरह के कविता की भूमिका भी कथित शराब घोटाले में अहम बताई है.
जांच एजेंसियों ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा कि BRS नेता के कविता ने मोबाइल फोन ‘फॉर्मेट’ कर दिया और उन्होंने सबूतों से छेड़छाड़ की. वहीं, के कविता ने कहा कि मोबाइल फोन ‘फॉर्मेट’ करने के आरोप ‘फर्जी’ हैं. सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों से पूछा कि क्या सबूत है कि BRS नेता के. कविता अपराध में शामिल थीं.
कविता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने यह कहते हुए जमानत देने का अनुरोध किया कि उनकी मुवक्किल के खिलाफ दोनों एजेंसियों की जांच पूरी हो गई है. उन्होंने दोनों मामलों में सह आरोपी एवं आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया को जमानत देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का भी हवाला दिया.