कोलकाता. ममता बनर्जी ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ब्लॉक को बाहर से समर्थन देने की बात कही है. ममता बनर्जी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद अगर ‘इंडिया’ गठबंधन सत्ता में आता है तो वह उसे बाहर से हर तरह का समर्थन देंगी. मगर इसके लिए उन्होंने एक बड़ी शर्त रख दी है. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीट-बंटवारे पर कांग्रेस के साथ झगड़े के बाद ‘इंडिया ब्लॉक’ से खुद को अलग कर लिया था. अब वह कुछ हद तक पिघलती दिख रही हैं. मुख्यमंत्री ने आज कहा कि आम चुनाव के बाद विपक्षी गुट के सत्ता में आने पर वह उसे ‘बाहर से समर्थन’ देंगी.
ममता बनर्जी ने कहा कि ‘हम इंडिया गठबंधन को नेतृत्व प्रदान करेंगे और उन्हें बाहर से हर तरह से मदद करेंगे. हम ऐसी सरकार बनाएंगे ताकि बंगाल में हमारी मां-बहनों को कभी परेशानी न हो और जो लोग 100 दिन-रोजगार योजना में काम करते हैं, उन्हें दिक्कत ना हो और उनको समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा.’ मगर इसके लिए उन्होंने इंडिया ब्लॉक की अपनी परिभाषा साफ कर दी. उनके इंडिया ब्लॉक में कट्टर प्रतिद्वंद्वी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अधीर चौधरी के नेतृत्व वाली बंगाल कांग्रेस या सीपीएम शामिल नहीं है.
ममता बनर्जी ने कहा कि ‘आपको यह पता होना चाहिए कि इंडिया अलायंस में- बंगाल कांग्रेस और सीपीआई (एम) को मत गिनें, वे दोनों हमारे साथ नहीं हैं. वे दोनों भाजपा के साथ हैं. मैं दिल्ली के बारे में बात कर रही हूं.’ ममता बनर्जी का रुख फिलहाल तब सामने आया, जब देश की 70 प्रतिशत सीटों पर चुनाव संपन्न हो गया है. फिलहाल अभी तीन दौर का चुनाव बाकी है. बंगाल में हर चरण में वोटिंग होगी.
देश की हिंदी पट्टी में ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करने के बाद भाजपा दक्षिण भारत और बंगाल में ज्यादा बड़ी सफलता हासिल करने की उम्मीद कर रही है. इस वक्त लोकसभा का चुनाव चरम गर्मी के दौर में चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह राज्य के नियमित दौरे पर हैं और उनकी नजर राज्य की 42 लोकसभा सीटों पर है.