लगातार मिल रही सफलताएँ
डीआईजी कमल लोचन ने कहा कि सुकमा में पहले भी सफल ऑपरेशन हुए हैं। भंडार में 10 नक्सली और बीजापुर के संयुक्त ऑपरेशन में 16 नक्सली मारे गए थे। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में मारे गए नक्सलियों में डिवीजन और एरिया कमेटी स्तर के नक्सली शामिल हैं, जो संगठन की रीढ़ माने जाते हैं।
महिला कमांडो की महत्वपूर्ण भूमिका
डीआईजी कमल लोचन ने कहा कि पिछले 4-5 वर्षों में महिला कमांडो की भर्ती और ट्रेनिंग पर विशेष ध्यान दिया गया है। अब महिला जवान भी पुरुष जवानों के साथ नक्सल विरोधी अभियानों में कंधे से कंधा मिलाकर लड़ रही हैं।
सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी
बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि सुकमा-दंतेवाड़ा के सीमावर्ती इलाके में नक्सल कैडर की मौजूदगी की सूचना पर डीआरजी और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम को अभियान पर भेजा गया था। 29 मार्च की सुबह 8 बजे से कई बार मुठभेड़ हुई, जिसमें अब तक 16 नक्सली मारे गए। मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में एके-47, एसएलआर, इंसास राइफल, .303 राइफल, रॉकेट लॉन्चर, बीजीएल लॉन्चर समेत विस्फोटक पदार्थ बरामद हुए हैं। मारे गए नक्सलियों की पहचान की जा रही है और इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है।
14 महीनों में 333 नक्सली ढेर, ऑपरेशन तेज
छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद से सुरक्षाबलों ने नक्सल विरोधी अभियान को और तेज कर दिया है। पिछले 14 महीनों में 63 मुठभेड़ों में 333 नक्सली मारे जा चुके हैं। इस दौरान भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री भी बरामद की गई है। इसके अलावा सुरक्षा एजेंसियों को कई अहम दस्तावेज भी मिले हैं, जो नक्सली संगठनों के खिलाफ रणनीति बनाने में मददगार साबित हो रहे हैं।