Akasa Air vs pilots. शेयर बाजार के बिगबुल के नाम से मशहूर दिवंगत राकेश झुनझुनवाला की संस्थापक एयरलाइन अकासा एयर को बिना उचित सूचना दिए छोड़ने वाले पायलट्स मुश्किल में हैं. दरअसल, एयरलाइंस ने पायलट के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर कर 21 करोड़ रुपये के हर्जाने का दावा किया था. कोर्ट ने अकासा एयरलाइंस को पायलट के खिलाफ केस आगे बढ़ाने की इजाजत दे दी है.
मामले की सुनवाई के बाद, बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया कि अकासा एयर मुंबई में उन पायलटों से संविदात्मक हर्जाना मांगने के मामले में आगे बढ़ सकती है, जिन्होंने कथित तौर पर बिना नोटिस अवधि के कंपनी छोड़ दी थी. पायलटों का कहना था कि वे मुंबई में नहीं रहते इसलिए उन पर यहां मुकदमा न चलाया जाए. जज जस्टिस एसएम मोदक ने अपने मौखिक आदेश में कहा है कि अकासा एयर मुंबई कोर्ट जा सकती है.
इससे पहले सोमवार को, अदालत ने इस पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था कि क्या अनिवार्य नोटिस अवधि पूरी किए बिना कंपनी से इस्तीफा देने वाले पांच पायलटों के खिलाफ अकासा एयर द्वारा दायर मुकदमे पर सुनवाई करना उसके अधिकार क्षेत्र में है. आकाश एयर ने उचित नोटिस अवधि के बिना कथित तौर पर एयरलाइन छोड़ने के लिए छह पायलटों से 21 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
अकाशा एयर का संचालन करने वाली कंपनी एसएनवी एविएशन प्राइवेट लिमिटेड ने तर्क दिया था कि इन पायलटों ने 6 महीने की अनिवार्य नोटिस अवधि पूरी किए बिना अचानक कंपनी छोड़ दी थी. कंपनी ने इन पायलटों को अनुबंध के उल्लंघन के लिए 18 लाख रुपये और उड़ान रद्द करने, पुनर्निर्धारण और ग्राउंडिंग के कारण एयरलाइन की छवि को हुए नुकसान के लिए 21 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश देने के लिए अदालत के हस्तक्षेप की मांग की थी. एयरलाइन ने पायलटों को नोटिस अवधि पूरी करने का निर्देश देने के लिए अंतरिम राहत भी मांगी थी.