अखिलेश को भारी पड़ा ‘अतिउत्साह’, नियमों की उड़ाईं धज्जियां; अब हुआ एक्शन

नई दिल्ली: यूपी में चुनावी बिगुल बज चुका है. हर रोज कोई नेता दल बदल रहा है. लेकिन अधिकतर सुर्खियां स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Murya) बटोरे हुए हैं. कुछ दिनों पहले ही उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया था. तबसे खूब कयास लगाए जा रहे थे कि वे सपा का दामन थामेंगे, लेकिन उन्होंने खुद इसका आधिकारिक ऐलान नहीं किया था. मौर्य ने कहा भी था कि शुक्रवार को सब स्पष्ट हो जाएगा. ऐसा हुआ भी, मकर संक्राति के दिन मौर्य पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के साथ एक मंच पर दिखाई दिए.

सदस्यता समारोह में दिखा हजारों कार्यकर्ताओं का हुजूम

एक मंच पर हुंकार भरते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ शक्ति प्रदर्शन कर रहे अखिलेश यादव की मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं. दरअसल लखनऊ स्थित सपा मुख्‍यालय पर सदस्यता समारोह के दौरान उमड़ी हजारों कार्यकर्ताओं की भीड़ पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है. चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारी डीएम को जांच के आदेश दिए. इसके बाद लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश (Abhishek Prakash, DM, Lucknow) ने एक टीम को भेजकर वीडियोग्राफी कराई है. डीएम अभिषेक का कहना है कि समाजवादी पार्टी का कार्यक्रम बिना अनुमति के किया गया है. सूचना मिलने पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस टीम को सपा दफ्तर भेजा गया है. रिपोर्ट के आधार पर जरूरी कार्रवाई की जाएगी.

रोक के बावजूद भी इकट्ठी हुई भीड़

आपको बता दें कि कोरोना की तीसरी लहर के बीच हो रहे यूपी विधान सभा चुनाव में संक्रमण की रोकथाम को लेकर चुनाव आयोग ने पहले से ही आगाह कर रखा है कि कोई फिजिकल रैली नहीं करेगा. इसके बावजूद भी सपा कार्यालय पर सदस्यता समारोह में हजारों कार्यकर्ताओं की भीड़ जुट गई. बताते चलें कि स्‍वामी प्रसाद मौर्य, धर्म सिंह सैनी समेत 6 विधायकों ने शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर सपा ज्‍वाइन कर ली है.

कुछ दिनों पहले ही उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब सहित 5 राज्यों में विधान सभा चुनावों की तारीखों का ऐलान करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने साफ कर दिया था कि किसी भी राज्य में रैलियों और रोड शो के आयोजन की इजाजत नहीं होगी. इसके अलावा किसी नुक्कड़ सभा का आयोजन भी सार्वजनिक स्थानों पर नहीं किया जा सकेगा. साइकिल रैली और बाइक रैली और पदयात्रा जैसी चीजों पर भी रोक रहेगी. रात 8 बजे के बाद चुनाव प्रचार पर रोक रहेगी. चुनाव आयोग ने चुनावी पार्टियों से कहा था कि वो ज्यादा से ज्यादा वर्चुअल रैली या डिजीटल रैली पर जोर दें. ये सभी पाबंदियां 15 जनवरी तक के लिए लागू की गई थीं.

सपा ने किया गाइडलाइन का उल्लंघन

चुनाव आयोग ने साफ किया था कि 15 जनवरी के बाद इसकी समीक्षा की जाएगी और फिर आगे इसपर फैसला लिया जाएगा. लेकिन अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग की गाइडलाइन का उल्लंघन किया और हजारों कार्यकर्ताओं का हुजूम इकट्ठा कर कोरोना को खुला निमंत्रण दिया है. बता दें कि चुनाव आयोग ने तो यहां तक कहा था कि डोर टू डोर कैंपेन में भी 5 से ज्यादा लोग नहीं जा सकते हैं. लेकिन फिर भी शुक्रवार को जब सपा मुख्‍यालय पर नेताओं के हजारों समर्थकों-कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटी तो इन सारी पाबंदियों और कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ती साफ नजर आईं.

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