मध्य प्रदेश के रतलाम में जिस नवजात ने जन्म लिया है उसे अनोखा बच्चा माना जा रहा है. इस बच्चे को देखकर हर कोई हैरान है. रतलाम के बड़ावदा इलाके की रहने वाली साजेदा ने इसे रतलाम के शासकीय एमसीएच (मातृ एवम शिशु चिकित्सा इकाई) अस्पताल में जन्म दिया है. मासूम की हालत खराब होने की वजह से अब उसकी जान बचाने को लेकर मशक्कत की जा रही है.
ये तक पता नहीं लड़का है या लड़की
आईसीयू इंचार्ज डॉ. नावेद कुरैशी ने बताया कि बड़ावदा निवासी शफीक की पत्नी साजेदा की डिलीवरी में हुई है. बच्चे को देखकर हर कोई हैरान है. डॉक्टर कुरैशी का कहना है कि बच्चे का जन्म पूरे समय यानी 9 महीने के बाद हुआ है. लेकिन जन्मजात विकृति होने से इस बच्चे की हालत ऐसी हो गई है. उन्होंने ये भी कहा, ‘ऐसी स्थिति लाखों में किसी एक बच्चे को होती है. इस बच्चे की स्किन तक डेवलप नहीं हो पाई है. जिसकी वजह से उसके शरीर की सारी नसें स्पष्ट दिखाई नहीं पड़ रही हैं. चमड़ी न होने की वजह से उसकी आंखें, होंठ पर भी सूजन देखी गई. वहीं इसी वजह से अभी तक यह साफ भी नहीं हो पाया कि ये अनोखा बच्चा मेल है या फीमेल.
डॉक्टर ने बताई ये वजह
पहली नजर में देखने पर ये बच्चा एलियन जैसा दिख रहा है लेकिन ऐसा होने की वजह डॉक्टरों ने जैनेटिक समस्या को बताया है. मेडिकल भाषा में ऐसे बच्चों को कोलोडियन बेबी कहा जाता है. ये एक जैनेटिक बीमारी है. जिसमें प्रेगनेंसी के दौरान बच्चे की चमड़ी विकसित नहीं होती है और इस वजह से उसके अंग सूज जाते हैं और नसें बाहर दिखाई देती हैं. वहीं बच्चे की देखभाल कर रही टीम का कहना है कि फिलहाल नवजात को एनआईसीयू में रखा गया है. जहां उसकी हालत स्थिर बनी हुई है.
इलाज में आ रही दिक्कत
वहीं डॉक्टरों का ये भी कहना है कि उसके इलाज में काफी दिक्कत आ रही है. स्किन न होने की वजह से बच्चे को छूना मुश्किल है. सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि इस बच्चे को ज्यादा बेहतर इलाज के लिए कहीं और रेफर भी नही किया जा सकता. क्योंकि बाहर के मौसम की वजह से बच्चे की जान खतरे में पड़ सकती है. इसलिए रतलाम जिला अस्पताल में ही उसका इलाज किया जा रहा है.