रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सतत् विकास लक्ष्य (SDG) के जिला स्तर तक स्थानीयकरण (Localization) एवं सतत् प्रभावी मॉनिटरिंग की सुनिश्चितता हेतु छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार किये गये ’’छत्तीसगढ़ एस.डी.जी. डिस्ट्रिक्ट प्रोग्रेस रिपोर्ट’’ व ’’एस.डी.जी. डैशबोर्ड’’ का विमोचन आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल बैठक में किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश एस.डी.जी. लक्ष्य की समयबद्ध प्राप्ति हेतु प्रतिबद्ध है। ’’जनघोषणा पत्र’’ के उद्देश्यों में भी एस.डी.जी. लक्ष्य के अनुरूप ’अंत्योदय’ का संकल्प सम्मिलित है। एस.डी.जी. के सिद्धांत के अनुरूप ही सरकार अपनी योजनाओं को इस प्रकार क्रियान्वित कर रही है, जिससे विकास के लाभ अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक प्रभावी रूप से पहुंच सके। एस.डी.जी. के क्रियान्वयन के लिये राज्य सरकार के विभागों द्वारा अनवरत प्रयास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार की गई ’’छत्तीसगढ़ एस.डी.जी. डिस्ट्रिक्ट प्रोग्रेस रिपोर्ट’’ व ऑनलाईन मॉनिटरिंग में सहायता हेतु तैयार किये गये ’’एस.डी.जी. डैशबोर्ड’’ में प्रत्येक जिले को ’स्कोर’ एवं ’रैंकिंग’ प्रदान की गई है। जो जिलों को 2030 तक निर्धारित लक्ष्य की प्राप्त करने की दिशा में पथ प्रदर्शक का कार्य करेगा और सभी कलेक्टरों को प्रगति बाधक चिन्हित क्षेत्रों की पहचान कर साक्ष्य आधारित निर्णय लेने में भी मदद करेगा। यह रिपोर्ट व डैशबोर्ड प्रत्येक जिला एवं विभाग को अपनी स्थानीय क्रियान्वयन प्रतिबद्धता की पहचान कर अपने हितधारकों के बहुमुखी विकास सुनिश्चित करने में निर्णायक भूमिका का निर्वहन करेगी। समस्त जिला कलेक्टर रिपोर्ट व डैशबोर्ड में उल्लेखित इंडिकेटर संबंधित योजनाओं के प्रभावी अनुश्रवण व अनुशीलन तथा डाटा संकलन एवं रिर्पोटिंग व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे तथा 2030 तक निर्धारित लक्ष्य पूर्ति हेतु हर संभव प्रयास सुनिश्चित करेंगे।
राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह ने जानकारी दी कि संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) द्वारा सतत् विकास को सुनिश्चित करने 17 SDG लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं। SDG के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु देश तथा राज्य प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार किये गये ’’छत्तीसगढ़ एस.डी.जी. डिस्ट्रिक्ट प्रोग्रेस रिपोर्ट’’ व ऑनलाईन मानिटरिंग में सहायता हेतु तैयार किये गये ’’एस.डी.जी. डैशबोर्ड’’ के आधार पर जिला कलेक्टर व विभाग विभिन्न सतत् विकास लक्ष्यों की प्रगति का मूल्यांकन, अनुश्रवण एवं अनुशीलन कर सकेंगे। राज्य शासन द्वारा जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में ’’जिला स्तरीय एसडीजी क्रियान्वयन एवं निगरानी समिति’’ गठित की गई है। इस समिति में संयोजक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत एवं सह-संयोजक, जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी हैं। तैयार की गई रिपोर्ट व डैशबोर्ड के आधार पर जिला कलेक्टर व विभाग विभिन्न सतत् विकास लक्ष्यों की प्रगति का मूल्यांकन, अनुश्रवण एवं अनुशीलन कर सकेंगे। रिपोर्ट में सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय एवं अन्य पहलुओं संबंधी कुल 82 इंडिकेटर में प्राप्त प्रगति के आधार पर जिलों को ’स्कोर’ व ’रैंकिंग’ प्रदाय की गई है। प्रत्येक एस.डी.जी. इंडिकेटर हेतु उत्तरदायी विभागों व जिला स्तरीय अधिकारियों को मैप किया गया है, साथ ही प्रत्येक लक्ष्य से संबंधित योजनाओं को भी चिन्हांकित किया गया है। जिलों को उनके द्वारा अर्जित किये ‘‘स्कोर’’ के आधार पर- चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है- एचीवर (100 अंक), फ्रंट रनर (65-99 अंक), परफोर्मर (50-64 अंक), एस्पायरेंट (50 से कम अंक)। रिपोर्ट अनुसार वर्ष 2021 की स्थिति में 8 जिले – फ्रंट रनर (धमतरी, राजनांदगांव, बालोद, दुर्ग, बेमेतरा, गरियाबंद, महासमुंद व रायपुर) तथा शेष जिले- परफोर्मर श्रेणी में हैं। जिला धमतरी ने सर्वाधिक 72 अंक प्राप्त कर प्रथम रैंक हासिल किया है।
योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी अमरजीत भगत ने बताया कि राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार किया गया ’’डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’’ के आधार पर ’’छत्तीसगढ़ एस.डी.जी. डिस्ट्रिक्ट प्रोग्रेस रिपोर्ट 2021’’ व ’’एस.डी.जी. डैशबोर्ड’’ तैयार किया गया है, जो छत्तीसगढ़ राज्य का सतत विकास लक्ष्य में वर्षवार गोल आधारित एवं जिला आधारित विश्लेषण करती है। यह रिपोर्ट समस्त जिलों एवं सम्बंधित विभागों को आत्मावलोकन कर विकास को गति प्रदान करने में अत्यंत सहयोग करेगी। यह रिपोर्ट व डैशबोर्ड समस्त कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ एवं विभाग प्रमुख को विकास की बाधाओं की पहचान कर आंकड़े आधारित साक्ष्य के आधार उनकी रणनीतियों को लागू करने में मार्गदर्शक की भूमिका का निर्वहन करेगा। रिपोर्ट में प्राप्त प्रगति को ध्यान में रखते हुये सभी संबंधित विभाग तथा जिला अधिकारी विभिन्न योजनाओं की प्रभावी रूप से मॉनिटरिंग कर सकेंगे। उन्होंने राज्य योजना आयोग द्वारा संबंधित सभी विभागों के साथ समन्वय कर तैयार की गई इस रिपोर्ट व डैशबोर्ड की सराहना की तथा अपेक्षा की कि सभी विभाग एवं जिला अधिकारी इस फ्रेमवर्क के आधार पर प्रगति की नियमित समीक्षा करेंगे तथा सतत् विकास लक्ष्यों के अनुसार प्रगति प्राप्ति सुनिश्चित करेंगे।
मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने बताया कि ’’छत्तीसगढ एसडीजी डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क (सीजी-डीआईएफ)’’ आधारित यह रिपोर्ट व ऑनलाईन मॉनिटरिंग टूल ’’एस.डी.जी. डैशबोर्ड’’ जिला स्तर पर समस्त हितधारकों को एसडीजी लक्ष्यों का स्थानीयकरण कर अपने लक्ष्य प्राप्ति में मदद करेगा। यह एसडीजी की योजना बनाने से लेकर निगरानी और कार्यान्वयन तक जिला प्रशासन एवं समस्त विभागों को फ्रेमवर्क भी प्रदान करता है। राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार किये गये ’’छत्तीसगढ़ एस.डी.जी. डिस्ट्रिक्ट प्रोग्रेस रिपोर्ट 2021’’ व ’’एस.डी.जी. डैशबोर्ड’’ बहुत उपयोगी टूल है, जो राज्य में सतत् विकास लक्ष्यों के अनुश्रवण एवं कोर्स करेक्शन, Evidence based decision making, resource allocation करने में सहायक होगा।
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने बताया कि राज्य सरकार के विकास एजेंडा प्रमुखतः एसडीजी के साथ परस्पर जुडे़ हुए हैं। रिपोर्ट व डैशबोर्ड एस.डी.जी. लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में संबंधित विभागों को उचित निर्णय के लिए आंकड़े आधारित साक्ष्य प्रदान करती है। यह रिपोर्ट व डैशबोर्ड जिलां की एसडीजी गोलवार प्रगति को मापती है। रिपोर्ट में इंडिकेटरवार प्राप्त प्रगति के आधार पर जिलों को स्कोर व रैंकिंग प्रदाय की गई है। जिससे जिले अपनी strength एवं weakness ज्ञात कर सकेंगे तथा आवश्यकतानुसार कार्यवाही सुनिश्चित कर सकेंगे। डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क का एस.डी.जी. लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु किस प्रकार उपयोग किया जा सकता है, इसके संबंध में जिला कलेक्टर एवं जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी को जानकारी दी जा चुकी है। जिला स्तर पर बेहतर प्रसार हेतु एस.डी.जी. संबंधित ’’हिन्दी पुस्तिका’’ भी जारी की गई है। सभी जिला कलेक्टर व संबंधित विभाग नियमित रूप से इंडिकेटर संबंधित योजनाआें की समीक्षा करेंगे तथा 2030 तक निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति हेतु अग्रसर हो सकेंगे।