नई दिल्ली। रूसी और अमेरिकी राइफलों की दुनिया में अपनी ही पहचान है. दुनिया के ज्यादातर देशों की फौज के पास ये राइफल मौजूद है. भारत के रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) ने अब इन राइफलों के मुकाबले में स्वदेशी राफइल तैयार की है. संगठन ने 7.62 मिमी कैलिबर की इस राइफल का नाम ‘उग्राम’ (क्रूर) रखा है.
रक्षा अनुसंधान विकास संगठन ने 100 दिन के अंदर ही इस स्वदेशी राइफल को तैयार किया है. ‘उग्राम’ को भारत की नई सैन्य, अर्धसैनिक और विशेष बल की जरूरतों के अनुसार तैयार किया गया है. यह राइफल इंसास से ज्यादा खतरनाक है. इसे आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट ने हैदराबाद स्थित निजी फर्म डीवीपा आर्मर के साथ मिलकर तैयार किया है.
‘उग्राम’ एक 7.62 मिमी कैलिबर राइफल है, जो स्वचलित और एकल दोनों तरह गोली दागती है. यह 500 मीटर में दुश्मन की जान ले सकती है, वहीं 1000 मीटर तक दुश्मन को चोटिल कर सकती है. यह एक मिनट में 600 गोलियां दागती है. इस राइफल का कुल वजन चार किलोग्राम है. इस राइफल की मैगजीन में 20 गोलियां आती हैं.
अब होगा राइफल का परीक्षण
ARDI के निदेशक अंकथी राजू ने बताया है कि दो साल पहले इस कार्यक्रम को शुरू किया गया था. एआरडीई द्वारा राइफल डिजाइन के बाद अब इसे 100 दिन में निजी क्षेत्र के साथ मिलकर तैयार किया गया है. इस राइफल का अब सर्दी, गर्मी और पानी में परीक्षण किया जाएगा. दरअसल, रूस और युक्रेन युद्ध के कारण AK-203 राइफल की आपूर्ति थम गई है. कुछ राइफलों के रूस से आने के बाद भारत में ही इसका उत्पादन किया जाना है.