नई दिल्ली. यूक्रेन संघर्ष के बीच दो दिनों की रूस (Russia) यात्रा पर गए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (EAM S Jaishankar) पर दुनिया की नजरें लगी हुईं थीं और अब अमेरिका (America) के विदेश विभाग की प्रतिक्रिया सामने आ गई है. प्रवक्ता नेड प्राइस ने जयशंकर की तारीफ करते हुए कहा है कि रूस को यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए भारत का संदेश सुनना चाहिए. उन्होंने कहा कि रूस को भारत से कूटनीति समझनी चाहिए.
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच मॉस्को में हुई वार्ता पर प्रतिक्रिया देते हुए नेड प्राइस ने कहा कि बीते महीनों में भारत के विदेश मंत्रालय से हमारी कई बार बातचीत हुई है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की एस जयशंकर से मुलाकात भी हो चुकी है. नेड प्राइस ने कहा कि भारत ने फिर यह बात दोहराई है कि वह युद्ध के खिलाफ है. यही सलाह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भी दी थी और अब वही बात जयशंकर ने कही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन से समरकंद में कहा था कि यह युद्ध का दौर नहीं है.
भारत युद्ध का हल बातचीत और कूटनीति के जरिए देखना चाहता है
नेड प्राइस ने कहा कि भारत ने यह संदेश दिया है कि वह रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का हल बातचीत और कूटनीति के जरिए देखना पसंद करता है. भारत ने कहा है कि यह समय युद्ध का नहीं है, ऐसे में दोनों देशों को भारत की भूमिका अहमियत समझनी चाहिए.
भारत के रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका ने ये दी प्रतिक्रिया
मॉस्को में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत, रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा. ऐसे में अमेरिकी प्रवक्ता नेड प्राइस ने इसको लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह मामला रूस और भारत के द्विपक्षीय हितों से जुड़ा हुआ है. हालांकि सामूहिक हितों को देखते हुए भारत को रूस पर अपनी निर्भरता कम करनी चाहिए. रूस न तो ऊर्जा और न ही सुरक्षा उपकरणों की सप्लाई में विश्वसनीय है. अमेरिका ने कहा कि भारत को ऊर्जा की काफी जरूरत है और इसलिए वह रूस से ईंधन खरीद रहा है. इसमें प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं होता. उन्होंने कहा कि यह समय रूस के साथ कारोबार करने का नहीं है और जो भी उस पर निर्भर हैं उन देशों को रूस से अपने व्यापार को कम कर लेना चाहिए.