गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को महाराष्ट्र का दौरा किया. वे पुणे में एक कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने शिवसेना पर जमकर निशाना साधा.
पुणेः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह महाराष्ट्र के दौरे पर हैं. महाराष्ट्र के पुणे जिले में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने शिवसेना पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में तीन पहिये की सरकार है.. ये मैने पहले कहा था, मगर अब मैं उसको बदल रहा हूं. महाराष्ट्र की सरकार तीन पहियों की आटो रिक्शा है, जो पंचर है.. चलती ही नहीं है.
शाह ने शिवसेना को दी चुनौती
अमित शाह ने कहा कि महाराष्ट्र में निकम्मी सरकार है. शिवसेना कहती है, सत्ता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है. उन्होंने महाराष्ट्र में तीन दलों की गठबंधन की सरकार के साथ-साथ विशेष तौर पर शिवसेना को चुनौती देता हुआ कहा, ‘इस्तीफा देकर फिर से चुनाव लड़ो’. भाजपा आपका अकेले मुकाबला करेगी.
‘महाराष्ट्र में चल रहा वसूली का शासन’
उन्होंने कहा कि देशभर मे 15 रूपये पेट्रोल-डीजल सस्ता हुआ. मगर महाराष्ट्र की सरकार ने तेल की कीमतों में कोई कटौती नहीं की. महाराष्ट्र में राजनीति का अपराधीकरण और वसूली का शासन चल रहा है.
शाह ने एनडीआरएफ कर्मियों के साथ खाया खाना
महाराष्ट्र के पुणे जिले के तालेगांव में केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला का दौरा किया, जहां उन्होंने केन्द्र के एक नए परिसर का उद्घाटन किया. उन्होंने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक इकाई का भी दौरा किया जहां उन्होंने एनडीआरएफ कर्मियों के साथ बातचीत की और बल के जवानों के साथ दोपहर का भोजन किया. तालेगांव में एनडीआरएफ परिसर में एक संयुक्त कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने बाढ़, चक्रवात या इमारत ढहने जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बल के काम की सराहना की.
आंतरिक सुरक्षा के लिए कई चुनौतियां
फोरेंसिक विज्ञान के महत्व का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘आंतरिक सुरक्षा के लिए कई चुनौतियां हैं जैसे कि नशीले पदार्थ, हथियारों की तस्करी, जाली नोट, घुसपैठ, लेकिन एफएसएल की मदद से हम बहुत कुछ कर पाएंगे.’ गुजरात में एक अत्याधुनिक फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला का उदाहरण देते हुए शाह ने कहा कि जब (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे, उन्होंने एफएसएल की स्थापना का सख्ती से पालन किया था और परिणामस्वरूप, यह अब दुनियाभर में एक मान्यता प्राप्त संस्थान बन गया है.
शाह ने किया गुजरात का जिक्र
उन्होंने कहा, ‘जब गुजरात में एफएसएल बुनियादी ढांचे का विस्तार हो रहा था, विशेषज्ञ फोरेंसिक विज्ञान जनशक्ति की कमी महसूस की गई थी. चूंकि देश में फोरेंसिक विज्ञान के लिए कोई कॉलेज या विश्वविद्यालय नहीं था, मोदी जी ने राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना के विचार की परिकल्पना की थी, और अब विश्वविद्यालय गुजरात में काम कर रहा है.’