0- निगम प्रशासन का उदासीन रवैया
राजनांदगांव(दैनिक पहुना)। शहर में अमृत मिशन के नाम से खोदे गये गड्ढों से आम जनता की परेशानी बनी ही हुई है। एक तो नल-जल पाइप लाइन बिछाने के लिये खोदे गये गड्ढे जल्द ही भरे नहीं जाते। भरे भी जाते हैं तो पहले मिट्टी से ऊबड़-खाबड़। फिर उसे सीमेंट कांक्रीटीकरण करके समतल करने में विलंब किया जाता है। उसके बाद भी कुछ स्थानों पर टेस्टिंग के नाम से उसे मिट्टी भरी हालत में बिना सीमेंट कांक्रीटीकरण किये वैसे ही छोड़ दिया जाता है। इस संबंध में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से नियुक्त अमृत मिशन के अधिकारी विकास मेंगी ने कहा कि कुछ स्थान हैं जहां छूटे हुए हैं उन्हें वे शीघ्र दिखवा कर दुरूस्त करवा लेंगे। बता दें कि विगत माह भी पहुना ने ऐसे गड्ढों से जनता को होने वाली परेशानी से उन्हें अवगत कराया गया था। आज भी वही मानव मंदिर चौक के साथ ही गुरूनानक चौक का उदाहरण देकर बताया गया। यदि यही हाल रहा तो शहर की सड़कों-गलियों में आवागमन में परेशानी बनी ही रहेगी और दुर्घटनाओं का भय बना रहेगा। माना कि अमृत मिशन की पूर्णता से शहर की जनता को पेयजल की सुविधा बढ़ जाएगी लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं कि जनता को इस तरह लंबे समय तक परेशानियां झेलने बाध्य किया जाये।
निगम में एक फरवरी को बैठक हुई थी जिसमें यह सुनिश्चित हुआ है कि अमृत मिशन के तहत टेस्टिंग के लिये छोड़े गये गड्ढों को 2-4 दिन में ही भरवा लिये जाएंगे। ऐसे गड्ढे शहर में 10 प्रतिशन ही बच गये हैं।
यू के रामटेके
ई ई नगर निगम