निस्वार्थ प्रेम और त्याग की मिसाल: बड़े भाई ने किडनी डोनेट कर छोटे भाई को दी नई जिंदगी…

भोपाल। एम्स भोपाल में हाल ही में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत एक ऐसा ही मार्मिक मामला सामने आया, जब 31 वर्षीय बड़े भाई ने अपने छोटे भाई को जिंदगी देने के लिए अपनी किडनी दान कर दी।

बड़े भाई ने ऐसे किया किडनी डोनेट करने का फैसला

भोपाल निवासी 25 वर्षीय युवक पिछले तीन वर्षों से गंभीर किडनी रोग (एंड-स्टेज किडनी डिजीज) से पीड़ित थे। बीमारी की गंभीरता के कारण वह डेढ़ साल से डायलिसिस पर निर्भर थे।डायलिसिस ने उनकी रोजमर्रा की जिंदगी को कठिन बना दिया था। ऐसे में उनके 31 वर्षीय बड़े भाई ने न केवल सहानुभूति जताई, बल्कि अपनी एक किडनी दान करने का बड़ा फैसला लिया।उनका यह निर्णय न सिर्फ उनके परिवार के लिए, बल्कि चिकित्सा जगत के लिए भी एक प्रेरणादायक मिसाल बन गया। डोनर की किडनी को निकालने के लिए लैप्रोस्कोपिक तकनीक का उपयोग किया गया।यह एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है, जिसमें पेट में एक छोटा चीरा लगाया जाता है। इस तकनीक का सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि इससे ऑपरेशन के बाद दर्द कम होता है, रिकवरी तेजी से होती है और निशान भी बहुत छोटा रहता है। इस प्रक्रिया की सफलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि डोनर अगले ही दिन चलने-फिरने में सक्षम हो गए।

छह घंटे तक चली प्रक्रिया

यह जटिल सर्जरी लगभग छह घंटे तक चली। इस दौरान विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों और नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया। सर्जरी के दौरान मरीज की स्थिति को स्थिर बनाए रखने के लिए एनेस्थीसिया विभाग की टीम ने लगातार निगरानी रखी।सफल प्रत्यारोपण के बाद मरीज की किडनी ने तत्काल कार्य करना शुरू कर दिया, जिससे ऑपरेशन के परिणाम बेहद सकारात्मक रहे।

मरीज कर रहा रिकवरी

सर्जरी के कुछ घंटे बाद ही डॉक्टरों ने राहत की सांस ली, क्योंकि मरीज तेजी से रिकवरी कर रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक, अब उनकी किडनी पूरी तरह सामान्य रूप से काम कर रही है। अस्पताल प्रशासन ने जानकारी दी कि कुछ दिनों की देखरेख के बाद मरीज को जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!