सारंगढ़-बिलाईगढ़। जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने विरोध-प्रदर्शन किया। वे अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी हैं। प्रदेशभर की करीब एक लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं और सहायिकाएं 28 जनवरी से धरने पर बैठी हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ ने एक बार फिर आंदोलन की चेतावनी दी है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार उनकी मांगों को लगातार अनसुना कर रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव के पहले कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं का वेतन कलेक्टर दर पर किए जाने की घोषणा की थी, जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया है। इसके अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्राइमरी टीचर का दर्जा देने का भी वादा किया गया था। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि रिटायरमेंट के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 5 लाख और सहायिकाओं को 3 लाख रुपए एकमुश्त दिए जाएं।
धरने पर बैठी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का कहना है कि सरकार के निर्देश पर हम छत्तीसगढ़ को कुपोषण मुक्त बनाने, कोविड-19 के दौरान ड्यूटी, जनगणना, मतदाता सूची बनाने जैसे हर काम को जिम्मेदारी पूर्वक निभाया है, लेकिन मुख्यमंत्री और और समाज कल्याण मंत्री ने हमारी मांगों पर अब तक कोई भी निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वादा किया था कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय और सेवा शर्तें अच्छी होंगी, जिसका जिक्र जनघोषणा पत्र 2018 में भी किया गया था, लेकिन वो वादा अब तक पूरा नहीं किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नर्सरी शिक्षक पर उन्नयन किए जाने का वादा भी किया गया था, जो पूरा नहीं किया गया।