नितिन गडकरी का ऐलान:बाजार में जल्द आएंगी इथेनॉल से चलने वाली गाड़ियां…

मुंबई. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा है कि ऐसी नई गाड़ियां लॉन्च की जाएंगी, जो पूरी तरह से इथेनॉल (Ethanol) ईंधन पर चलेंगी. रविवार को नागपुर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री गडकरी ने उस घटना को याद किया कि जब उन्होंने हाल ही में मर्सिडीज बेंज (Mercedes Benz) कंपनी के अध्यक्ष से मुलाकात की थी, जिसने एक इलेक्ट्रिक वाहन लॉन्च किया था. गडकरी ने कहा कि ‘चेयरमैन मुझसे कहा कि वे भविष्य में केवल इलेक्ट्रिक वाहन बनाएंगे.’ गडकरी ने कहा कि अब ‘हम नई गाड़ियां ला रहे हैं, जो पूरी तरह से इथेनॉल पर चलेंगी. बजाज, टीवीएस और हीरो स्कूटर (Bajaj, TVS, Hero Scooters) 100 फीसदी इथेनॉल पर चलेंगे.’

गडकरी ने कहा कि वह अगस्त में टोयोटा कंपनी की कैमरी कार (Toyota Camry Car) लॉन्च करेंगे, जो 100 फीसदी इथेनॉल से चलेगी और 40 फीसदी बिजली भी पैदा करेगी. ‘अगर आप इसकी तुलना पेट्रोल से करेंगे तो इथेनॉल से 15 रुपये प्रति लीटर खर्च पड़ेगा. क्योंकि इथेनॉल की कीमत 60 रुपये है, जबकि पेट्रोल की कीमत 120 रुपये प्रति लीटर है. साथ ही यह 40 प्रतिशत बिजली पैदा करेगा. जिससे इसका औसत खर्च 15 रुपये प्रति लीटर पड़ेगा.’

नितिन गडकरी पहले भी कह चुके हैं कि भारत को अपना परिवहन उद्योग जल्द कार्बन-मुक्त करने की जरूरत है और भारत के पास जैव ईंधन के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व करने की क्षमता है. भारतीय परिवहन क्षेत्र की 80 प्रतिशत ऊर्जा की जरूरत पेट्रोल-डीजल जैसे जीवाश्म ईंधन के आयात से पूरा किया जा रहा है. इस पर सालाना 16 लाख करोड़ रुपये से अधिक का खर्च होता है. गडकरी ने कहा था कि सरकार इथेनॉल के उपयोग को बढ़ावा दे रही है. 2014 से पहले पेट्रोल में केवल 40 करोड़ लीटर इथेनॉल को मिलाया जाता था, जो अब 400 करोड़ लीटर तक पहुंच चुका है.

क्या है इथेनॉल
इथेनॉल खासकर चावल, मक्का और गन्ना जैसी फसलों से पैदा होता है. गडकरी का मानना है कि अतिरिक्त गन्ने, चावल और मक्का के भंडार के कुशल उपयोग के साथ-साथ बांस और कृषि जैव सामग्री जैसे कपास और पुआल से दूसरी पीढ़ी के जैव ईंधन इथेनॉल को तैयार किया जा सकता है. इससे भारत में ईंधन परिदृश्य को पूरी तरह से बदला जा सकता है. सरकार के पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने के फैसले से किसानों की आय में बढ़ोतरी करने में मदद मिली है. क्योंकि जैव ईंधन इथेनॉल को कृषि उत्पादों जैसे गन्ने और मक्के से ही बनाया जाता है. पीएम नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही उनकी सरकार इथेनॉल के उत्पादन और उपयोग को लगातार बढ़ावा दे रही है.

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