श्रद्धा जैसी एक और वारदात :शव के टुकड़े कर फ्रिज में रखा, आधी रात ग्राउंड में फेंका, मां-बेटा गिरफ्तार

 

नई दिल्ली. पुलिस ने पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी और पांडव नगर में पाए गए मानव शरीर के पार्ट्स के मामले को सुलझाने में सफलता हासिल कर ली है. जिस शख्स की हत्या हुई थी, उसका नाम अंजन दास है. पुलिस के मुताबिक, अंजन की पत्नी और सौतेले बेटे ने शराब में नींद की गोलियां मिलाकर उसे पहले बेसुध किया और फिर उसकी हत्या कर दी. इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस पर बहुत दबाव था, क्योंकि श्रद्धा वालकर की तरह इस मामले में भी लाश के कई टुकड़े किए गए थे.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस मामले की आरोपी पूनम का सुखदेव से विवाह हुआ था, जो दिल्ली आ गया. जब पूनम सुखदेव को खोजने दिल्ली आई तो उसे कल्लू मिला, जिससे पूनम को 3 बच्चे हुए. दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के स्पेशल सीपी रवींद्र यादव ने बताया कि 3 बच्चों में से दीपक एक है. कल्लू की लीवर फेल होने से मौत होने के बाद पूनम अंजन दास के साथ रहने लगी. पूनम को नहीं पता था कि अंजन दास का बिहार में परिवार है और उसके 8 बच्चे हैं.

क्यों किया मर्डर
पुलिस के मुताबिक, इस हत्या के पीछे घरेलू कलह बड़ी वजह थी. खर्च को लेकर घर में अक्सर झगड़ा होता रहता था. बाद में महिला को लगा कि अंजन उनकी बहू और बेटी पर गलत नजर रखता है तो उसने हत्या की योजना बनाई.

पुलिस ने बताया कि मारा गया अंजन दास एक लिफ्ट ऑपरेटर था, जो पूनम और उसके बेटे दीपक के साथ रहता था. दीपक अंजन दास का सौतेला बेटा है. अंजन कुछ खास कमाता नहीं था और अक्सर लड़ाई करता था. पुलिस के मुताबिक, पूनम ने कहा कि अंजन दास उसके बेटे दीपक की बीवी पर भी गलत नजर रखता था. उसका दूसरा कोई इलाज नहीं मिला तो उसे मारने की ठान ली.

ऐसे की हत्या
पुलिस के मुताबिक, आरोपी महिला पूनम और उसके बेटे ने 30 मई को अंजन दास को शराब पिलाई और उसमें नींद की गोलियां मिला दी. फिर उन्होंने उसका गला काट दिया और शरीर को एक दिन के लिए घर में छोड़ दिया, ताकि खून पूरी तरह से निकल जाए. फिर उन्होंने शरीर के 10 टुकड़े किए, जिसमें से 6 टुकड़े बरामद हुए हैं.

खून की सफाई करने बाद उन्होंने लाश के टुकड़े किए और बारी-बारी से पॉलिथीन में डालकर फेंकते रहे और सिर को गड्ढे में दबा दिया. पुलिस ने बताया कि मार्च- अप्रैल से ही मां और बेटे अंजन दास के मर्डर की प्लानिंग कर रहे थे, क्योंकि वो उससे परेशान थे. इन लोगों ने मृतक अंजन की खोपड़ी को सबसे आखिर में गड्ढे में डाला, जिससे उसकी पहचान न हो सके. हत्या के दो-तीन दिन बाद ही खोपड़ी मिल गई थी.

ऐसे खुलासा हुआ
DCP क्राइम अमित गोयल ने बताया कि 5 जून को लोकल थाने में कॉल आई थी कि किसी इंसान की बॉडी के पार्ट मिले हैं और अलगे दिन ही मामला दर्ज हो गया था. क्राइम ब्रांच इस केस में जुट गई थी. शिनाख्त करना सबसे मुश्किल काम था. बहरहाल पहले 3-4 दिन में ही 6 बॉडी पार्ट बरामद हो गए थे. शुरुआती जांच में से पता लग रहा था कि 8 से 10 टुकड़े किए गए होंगे. 30 मई को रात में अंजन को मारा गया और 2- 3 दिन के भीतर शव को ठिकाने लगा दिया गया.

5 जून को लाश के कुछ हिस्से पांडव नगर के रामलीला मैदान से मिले थे. इस जघन्य हत्या के खुलासे के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद डोर-टू-डोर जांच की गई और मरने वाले की पहचान की गई. सीसीटीवी फुटेज में पूनम और उसके बेटे दीपक को देखा गया. अंजन दास 5-6 महीने से लापता था और उसके परिवार ने कोई गुमशुदगी भी रिपोर्ट नहीं दर्ज कराई थी. जब पूछताछ की गई तो मामले का खुलासा हो गया. मरने वाले का मोबाइल भी बरामद हो गया है. शुरू की पूछताछ में दोनों ने हत्या से इनकार किया. मगर सीसीटीवी में जो कपड़े दिखे थे, वो पुलिस की टीम ने खोज निकाला. इसके बाद मां और बेटे ने अपना अपराध कबूल किया.

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