ISRO की एक और कामयाबी: सबसे भारी रॉकेट के लिए पावरफुल इंजन का किया सफल परीक्षण…

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 200T उच्च थ्रस्ट वाले सेमीक्रायोजेनिक इंजन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. यह सेमी क्रायोजेनिक इंजन LVM3 के बूस्टर चरण में मदद करेगा. इसरो ने इसका सफल परीक्षण तमिलनाडु के महेंद्रगिरि में किया. इसरो का यह इंजन लिक्विड ऑक्सीजन (LOX) और केरोसिन के मिश्रण से संचालित होता है और इसे अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके डिजाइन किया गया है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. एक के बाद एक अपने सफल परीक्षण की दुनिया में लोहा मनवा रही ISRO 200T उच्च थ्रस्ट वाले सेमीक्रायोजेनिक इंजन की सफल टेस्टिंग की है.परीक्षण के सफल होने से इसरो के भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए अधिक शक्तिशाली और कुशल इंजन विकसित करने की दिशा में एक नया अध्याय जुड़ गया है.

यह इंजन प्रक्षेपण यान ‘मार्क-3’ (LVM3) के ‘सेमीक्रायोजेनिक बूस्टर’ चरण में मदद करेगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने बताया कि, शुक्रवार के परीक्षण ने 2.5 सेकंड की परीक्षण अवधि के लिए इंजन के सुचारू ‘इग्निशन’ और ‘बूस्ट स्ट्रैप मोड’ संचालन को प्रदर्शित किया. स्पेस एजेंसी ने आगे बताया कि इस परीक्षण का उद्देश्य 2.5 सेकंड की अल्पावधि में ‘हॉट-फायरिंग’ करके ‘प्री-बर्नर’, ‘टर्बो पंप’, ‘स्टार्ट सिस्टम’ और नियंत्रण घटकों जैसी महत्वपूर्ण उप-प्रणालियों के एकीकृत प्रदर्शन को प्रमाणित करना था.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का यह सेमी-क्रायोजेनिक इंजन रॉकेट प्रणोदन प्रौद्योगिकी में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखता है. इंजन के पावर हेड टेस्ट आर्टिकल (PHTA) का सफल परीक्षण संगठन की वैज्ञानिक दक्षता और नवाचार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. ISRO की इस उपलब्धि पर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसरो की सराहना करते हुए कहा, “इसरो ने अपनी अंतरिक्ष मिशन क्षमताओं को और मजबूत करने में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. उन्होंने कहा ” यह परीक्षण एक विशेष सुविधा में किया गया, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरुवनंतपुरम की अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्र को समर्पित किया था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!