रायपुर:छत्तीगसढ़ में दो हजार करोड़ के शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने कारोबारी अनवर ढेबर को आज कोर्ट में पेश किया। बता दें चार दिन की रिमांड के बाद अजय सिंह राजपूत की कोर्ट में पेश किया गया। इसके साथ ही नीतिश पुरोहित को भी पेश किया गया है। नीतिश पुरोहित होटल कारोबारी है। दिल्ली के बाद अब छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला सामने आया है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) का दावा है कि ये घोटाला पूरे दो हजार करोड़ रुपये का है. दावा ये भी है कि इस घोटाले में छत्तीसगढ़ के कई बड़े नेता और अफसर भी शामिल हैं.
इस मामले में मुख्य आरोपी बताए जा रहे अनवर ढेबर को ED ने गिरफ्तार कर लिया है. उसे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया है. अदालत ने अनवर को चार दिन की ED की रिमांड पर भेज दिया है. अनवर ढेबर कांग्रेस नेता और रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई हैं. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ED ने छत्तीसगढ़ के इस कथित शराब घोटाले के लिए अनवर ढेबर के साथ-साथ आईएएस अफसर अनिल टुटेजा को भी ‘सरगना’ बताया है. ED का कहना है कि मामले में पूछताछ के लिए अनवर ढेबर को सात बार समन भेजा गया था, लेकिन वो जांच में शामिल नहीं हुआ. आखिरकार 5 मई की सुबह उसे रायपुर के एक होटल से गिरफ्तार कर लिया गया.
इससे पहले ED ने इसी साल मार्च में अनवर ढेबर के घर समेत छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और दिल्ली के 35 ठिकानों पर छापेमारी भी की थी. क्या है ये पूरा घोटाला? कैसे इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया गया? अनवर ढेबर पर क्या हैं आरोप? जानते हैं.
ED का क्या है दावा?
-ED ने एक प्रेस रिलीज जारी कर इस पूरे घोटाले की जानकारी दी है. ED का दावा है कि 2019 से 2022 के बीच ‘अकूत भ्रष्टाचार’ हुआ, जिसमें दो हजार करोड़ रुपये की ‘मनी लॉन्ड्रिंग’ के सबूत मिले हैं.
-ED ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की गई जांच में पता चला है कि अनवर ढेबर छत्तीसगढ़ में एक संगठित आपराधिक सिंडिकेट चला रहा है और उसे बड़े-बड़े राजनेताओं और सीनियर अफसरों का सपोर्ट हासिल है.
– ED का दावा है कि अनवर ने एक ऐसा नेटवर्क तैयार किया है, जिससे छत्तीसगढ़ में बेचे जाने वाली शराब की हर बोतल पर अवैध वसूली की जाती है.