रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्कूलों में शिक्षकों की कमी का अंदाजा इन आंकड़ों से लगाया जा सकता है कि 5,000 से ज्यादा ऐसे स्कूल हैं, जहां सिर्फ एक शिक्षक हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के लोक शिक्षण संचालनालय के मुताबिक बस्तर, कोंडागांव में ऐसे स्कूलों की संख्या 800 से अधिक है। छत्तीसगढ़ में 26 जून से शाला प्रवेशोत्सव की शुुरुआत हो रही है,लेकिन एक बार फिर प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी की चुनौती बनी हुई है। बस्तर में 428 और कोंडागांव में 417 स्कूलों में एकल शिक्षक है।
लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारियों का कहना है कि सभी संभाग के संयुक्त संचालकों को निर्देशित किया गया है कि ऐसे विसंगतियों की रिपोर्ट लेकर आवश्यक कार्यवाही करें। जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 610 ऐसे स्कूल हैं, जहां शिक्षक ही नहीं है। सिर्फ ग्रामीण या शहरी क्षेत्र नहीं बल्कि राजधानी में 27 और बिलासपुर में 109 स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे हैं।
33 हजार पदों में भर्ती के लिए मिल चुकी है स्वीकृति
राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 33 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है। प्रदेश के स्कूलों व्याख्याता के 2,524, शिक्षकों के 8,194 और सहायक शिक्षकों के 22 हजार से अधिक पद रिक्त हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक भर्ती के लिए शीघ्र ही नोटिफिकेशन जारी होने की उम्मीद है।
गांव से शहर आ रहे शिक्षक
प्रदेश के स्कूलों की स्थिति यह है कि शहरी क्षेत्र के कई स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षक हैं, वहीं ग्राणीण क्षेत्रों में इसकी समस्या बनी हुई है। जिलेवार आंकड़ों पर गौर करें तो रायपुर में 886 अतिशेष शिक्षक हैं, वहीं महासमुंद में इसकी संख्या 804 हैं।
लोक शिक्षण संचालनालय संचालक दिव्या उमेश मिश्रा ने कहा, जिन स्कूलों में छात्र अधिक व शिक्षक कम हैं। ऐसे स्कूलों की पहचान करते हुए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश लोक शिक्षण संचालनालय के सहायक संचालकों को दी गई है। शिक्षकों की भर्ती के बाद भी यह समस्या नहीं होगी।
फैक्ट फाइल
जिला-एक शिक्षक-एक भी शिक्षक नहीं
बस्तर-428-54
कोंडागांव-417-54
सुकमा-306-34
कोरबा-341-27
बलरामपुर-298-32
कांकेर-268-19
रायगढ़-266-04
महासमुंद-231-12
गरियाबंद-204-13