नई दिल्ली . दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के मुखिया अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को हाई कोर्ट से राहत मिल गई है. हाई कोर्ट ने सुनीता केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत से जारी समन पर स्टे लगा दिया है. दो वोटर आईडी रखने के आरोप में उन्हें अदालत ने तलब किया था.
जस्टिस अमित बंसल ने 1 फरवरी 2024 तक समन पर रोक लगाई है. दिल्ली बीजेपी के नेता हरीश खुराना की ओर से दर्ज शिकायत पर 29 अगस्त 2023 को समन जारी किया गया था. खुराना ने आरोप लगाया है कि सुनीता दो अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में वोटर के रूप में रजिस्टर्ड हैं. उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद और दिल्ली के चांदनी चौक में उनका नाम वोटर के रूप में दर्ज था. उन्होंने कहा कि यह रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल्स ऐक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन है.
तीस हजारी कोर्ट में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने सुनीता केजरीवाल के खिलाफ शिकायतों और गवाहों पर विचार करने के बाद उन्हें समन किया था. कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया सुनीता केजरीवाल के खिलाफ केस बनता है. सुनीता को 18 नवंबर 2023 तक कोर्ट के सामने पेश होने को कहा गया था. समन को चुनौती देते हुए सुनीता केजरीवाल ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सुनीता की ओर से हाई कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील रेबेक्का जॉन ने कहा कि आरपीए के तहत अपराध तभी बनता है जब कोई व्यक्ति झूठा शपथपत्र दायर करे. इस केस में खुराना ने रिकॉर्ड में ऐसा कुछ नहीं रखा है जिससे पता चले कि उन्होंने झूठी घोषणा की.