Om Birla On Emergency: लगातार दूसरी बार लोकसभा स्पीकर (Lok Sabha Speaker) बनते ही ओम बिरला ने अपने पहले ही संबोधन में ‘आपातकाल’ (Emergency) का जिक्र करते हुए उसकी निंदा की। उन्होंने कहा कि सदन आपातकाल की निंदा करता है। आपातकाल भारत के इतिहास में एक काला धब्बा है। बिरला ने कहा कि इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने इमरजेंसी लगाकर अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का अपमान किया था। स्पीकर के प्रस्ताव रखते ही पक्ष और विपक्ष के सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी। स्पीकर ओम बिरला इमरजेंसी के दौरान जान गंवाने वालों की याद में दो मिनट का मौन रखने को कहा। सत्ता पक्ष के सांसदों ने मौन रखा, लेकिन कांग्रेस और विपक्ष के सांसद हंगामा करते रहे। कांग्रेस सांसदों का आरोप था कि स्पीकर भाजपा का एजेंडा चला रहे हैं। मौन के बाद स्पीकर ने गुरुवार तक के लिए संसद को स्थगित कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में अपने कैबिनेट का परिचय कराया। इसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने इमरजेंसी की निंदा की और इसे देश के इतिहास का एक काला अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने इस दौर में ऐसे कई कार्य किए जिन्होंने संविधान की भावनाओं को कुचलने का काम किया।
#WATCH | Lok Sabha Speaker Om Birla says "This 18th Lok Sabha is the world's largest celebration of democracy. Despite other challenges, more than 64 crore voters participated in the elections with great enthusiasm. On behalf of the House, I express my gratitude to them and the… pic.twitter.com/axdITmccMY
— ANI (@ANI) June 26, 2024
स्पीकर ने इस दौर में संविधान संशोधनों का जिक्र करते हुए कहा कि न्यायपालिका पर नियंत्रण हो और सारी शक्तियां एक व्यक्ति के पास आ जाए। इमरजेंसी तानाशाही की भावना से बड़ी चुनौतियों को लेकर आई। यह ऐसा कालाखंड है जो संविधान के ढांचे और न्यायिक स्वतंत्रता की आवश्यकता की याद दिलाता है। जब हम इमरजेंसी के 50वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, ये सभा बाबा साहब के बनाए हुए संविधान की रक्षा की भावना को दोहराती हैय़ हम संवैधानिक संस्थाओं में भारत के लोगों की आस्था की सराहना करते हैं।
25 जून भारत के इतिहास में हमेशा काला अध्याय रहेगा: स्पीकर
सदन को संबोधित करते हुए स्पीकर ओम बिरला ने इमरजेंसी का जिक्र कर दिया, जिस पर विपक्षी सांसदों ने हंगामा बरपा दिया। बिरला ने कहा, “ये सदन 1975 में इमरजेंसी लगाने के फैसले की कड़ी निंदा करता है। इसके साथ ही हम उन सभी लोगों के दृढ़ संकल्पों की भी सराहना करते हैं, जिन्होंने इमरजेंसी का डटकर विरोद किया। साथ ही उन्होंने संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा की जिम्मेदारी निभाई। 25 जून, 1975 भारत के इतिहास में हमेशा एक काला अध्याय रहेगा।
इससे पहले ओम बिरला के अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें बधाई देते हुए PM मोदी-राहुल गांधी, अखिलेश यादव समेत सभी सांसदों ने अपनी-अपनी बातें रखी। पीएम मोदी ने बिरला को बधाई देते हुए कहा कि सदन का सौभाग्य है कि आप दूसरी बार इस आसन पर विराजमान हो रहे हैं। आपको और इस पूरे सदन को मेरी तरफ से मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। एक सांसद के रूप में आपकी कार्यशैली सभी सांसदों के लिए सीखने योग्य है। वहीं राहुल गांधी ने पिछले कार्यकाल में अपने निलंबन की याद दिलाते हुए विपक्ष की आवाज उठाने देने की बात कही। वहीं अखिलेश यादव ने स्पीकर चुने जाने पर ओम बिरला को बधाई देते हुए इस बार विपक्षी सांसदों के निष्कासन नहीं होने देने की बात कही।