राजपत्र की सूची से भिन्न अनाधिकृत कार्यों का बहिष्कार करेगी सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी संघ

– 2 मार्च 2022 से केवल राजपत्र अनुसार कार्य करेंगे
– संशोधित राजपत्र सहित जायज मांगों के संबंध में दिया गया अल्टीमेटम

पशुधन विकास विभाग में कार्यरत सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी आगामी 2 मार्च 2022 से उनके लिए राजपत्र में उल्लेखित सूची अनुसार कार्यों का ही संपादन करेंगे| राजपत्र 2017 की सूची से भिन्न सौंपे गए अनाधिकृत विभागीय कार्यों का वह बहिष्कार करेंगे|
सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी संघ जिला शाखा राजनांदगांव के जिला अध्यक्ष उत्तम कुमार फंदियाल ने बताया कि वर्तमान में पशुधन विकास विभाग के सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी संवर्ग मैदानी स्तर पर कार्यरत हैं एवं शासन के महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी अंतर्गत गौठानों में ईमानदारी एवं निष्ठा पूर्वक अपनी सेवाएं दे रहे हैं जिससे शासन एवं विभाग के प्रगति में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है साथ ही साथ मैदानी क्षेत्रों में विभाग द्वारा सौंपे समस्त दायित्वों का संपादन उन्हीं के द्वारा किया जा रहा है|
विगत अनेक वर्षों से विभाग द्वारा सौंपे गए संपूर्ण कार्यों को उनके द्वारा आंख मूंदकर किया जा रहा है किंतु उनके विभिन्न प्रकार की मांगों के संबंध में शासन एवं विभाग के द्वारा उनके संवर्ग के प्रति अनदेखी की जा रही है एवं विभाग में उन के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है|
प्रांतीय स्तर से आह्वान किए जाने पर राज्य के समस्त जिलों में जिला अध्यक्षों के द्वारा जिले के उप संचालकों एवं संयुक्त संचालकों के साथ-साथ कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को उक्त संबंध में ज्ञापन दिया जा रहा है कि शासन एवं विभाग जल्द से जल्द यदि उनके यथोचित मांगों के संबंध में सकारात्मक सहयोग प्रदान नहीं करती है एवं उनको पूर्ण करते हुए संशोधित राज्य पत्र में सामान्य पशु रोग निदान एवं उपचार तथा अन्य महत्वपूर्ण कार्यों को राजपत्र की सूची में सम्मिलित नहीं करती है तो वह विभाग द्वारा सौंपे गए अनधिकृत दायित्वों को जो उनके संवर्ग के लिए राजपत्र में शामिल नहीं है ऐसे कार्यों का बहिष्कार करेगी एवं केवल राजपत्र की सूची में सम्मिलित कार्यों को ही उनके द्वारा किया जावेगा|
उक्त संबंध में विगत कई वर्षों से प्रांतीय संघ के द्वारा विभाग के संचालक, कृषि उत्पादन आयुक्त एवं माननीय मंत्री महोदय तक गुहार लगाई गई है किंतु आज पर्यंत उनकी कोई सुनवाई किसी भी स्तर पर नहीं हुई है अतः क्षुब्ध होकर इस प्रकार के निर्णय लेने हेतु उन्हें बाध्य होना पड़ रहा है निश्चित तौर पर इस प्रकार के निर्णय से मैदानी स्तर पर पशुपालकों एवं विभागीय योजनाओं के हितग्राहियों को परेशानी होगी एवं आर्थिक हानि उठाना पड़ेगा जिस हेतु संघ खेद व्यक्त करता है तथा समस्त पशुपालकों एवं कृषकों से अपने जायज मांगों के संबंध में उनको पूर्ण कराने में सहयोग करने की अपील करता है||

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