राजकोट: डिजिटलाइजेशन से आम लोगों को जितना फायदा है, उससे उतने नुकसान भी उठाने पड़ रहे हैं. ऑनलाइन पैमेंट की वजह से साइबर फ्रॉड के मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं. साइबर क्राइम (Cyber Crime) को अंजाम देने वाले लोगों से ऑनलाइन ठगी के नित नए तरीके निकालकर उनको अपना शिकार बना रहे हैं. ताजा मामला गुजरात के राजकोट के जूनागढ़ के एक किसान का सामने आया है जिसको 5 रुपए की ऑनलाइन पैमेंट करने पर साइबर ठग ने 90,000 रुपए की चपत लगा दी. इस बाबत पीड़ित शख्स ने साइबर अपराध पुलिस स्टेशन (Cyber Crime Police Station) में शिकायत दर्ज करवाई.
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक मालिया हटिना तालुका के समधियाला गिर गांव के निवासी प्रफुल्ल भरदा के साथ मार्च माह में ऑनलाइन धोखा हुआ था. इसके बाद पीड़ित ने अप्रैल में पुलिस से संपर्क किया था. और ऑनलाइन धोखाधड़ी की कंप्लेंट साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दी थी. शिकायतकर्ता ने बताया कि उसका भतीजा 27 मार्च को बीमार पड़ गया था. वह एमबीए कर रहा है.
वह चाहता था कि उसका इलाज केशोद के प्राइवेट अस्पताल में करवाया जाए. इसके लिए शख्स ने भरदा ने गूगल सर्च इंजन से निजी नर्सिंग होम या अस्पताल को नंबर खोजने की कोशिश की. इस दौरान उसको एक मोबाइल नंबर मिला जिस पर उन्होंने डायल कर नर्सिंग होम का अप्वाइंटमेंट लेने के लिए संपर्क किया. संपर्क करने पर दूसरी तरफ से कॉल रिसीव करने पर बताया गया कि डॉक्टर से अप्वाइंटमेंट लेने के लिए 5 रुपए की ऑनलाइन फीस अदा करनी होगी. लेकिन पीड़ित को नहीं पता था कि वो 5 रुपए की ऑनलाइन फीस अदा करने पर 90 हजार रुपए गंवा देगा.
शिकायत के मुताबिक जब पीड़ित ने फोन किया तो एक व्यक्ति ने कॉल रिसीव करते हुए खुद को हॉस्पिटल का रिसेप्शनिस्ट बताया. जब भरदा ने अपने भतीजे के लिए अपॉइंटमेंट बुक कराने की बात कही तो कॉल रिसीवर ने फीस के रुपए में 5 रुपये का ऑनलाइन भुगतान करने के लिए कहा. इसके लिए ठग की ओर से मरीज का विवरण भरने के लिए एक लिंक भी पीड़ित को भेजा. कुछ ही मिनटों में भारदा को एक मोबाइल से लिंक मिला जिसमें उसने मरीज की पूरी डिटेल भर दी थी. नर्सिंग होम की अपॉइंटमेंट के लिए शुल्क के रूप में 5 रुपये का भुगतान भी करना था.
उन्होंने निर्देशानुसार लिंक भरा और यूपीआई आईडी का उपयोग करके 5 रुपये का भुगतान भी कर दिया. लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि अगले दिन भारदा को बैंक की ओर से एक टेक्स्ट मैसेज रिसीव हुआ जिसमें जिसमें बताया गया कि उनके खाते से 99,000 रुपये डेबिट कर दिए गए हैं. इस मैसेज के प्राप्त करने के तुरंत बाद पीड़ित ने मोबाइल बैंकिंग के जरिए अपना खाता ब्लॉक कराया और शाखा से संपर्क किया. ब्रांच अधिकारियों ने उनको साइबर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करने के लिए कहा.
इस शिकायत पर पुलिस अधिकारी का कहना है कि निजी बैंक के एक खाता नंबर की पहचान की गई है जिसमें पैसा ट्रांसफर किया गया था. इस रकम को तुरंत एटीएम से निकाला भी लिया गया. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है और जल्द से जल्द आरोपी की धरपकड़ करने की कोशिश में है.