सुप्रीम कोर्ट से Baba Ramdev को फिर झटका, माफीनामे की मांगी ओरिजिनल कॉपी

Patanjali Ads Case Update: पतंजलि विज्ञापन मामले पर सुप्रीम कोर्ट में करीब डेढ़ घंटे तक सुनवाई हुई. रामदेव और बालकृष्ण पांचवीं बार जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच में पेश हुए. पतंजलि की ओर से मुकुल रोहतगी और बलबीर सिंह ने पैरवी की.

उत्तराखंड सरकार की ओर से ध्रुव मेहता पेश हुए. आज की सुनवाई में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) भी शामिल हुआ. सुनवाई शुरू होते ही कोर्ट ने मूल कॉपी पतंजलि के वकील को दे दी. माफी की जगह ई-फाइलिंग (समाचार पत्रों की कॉपी) करने पर फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा- बहुत बड़ा कम्युनिकेशन गैप है.

कोर्ट ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि ऐसा जानबूझकर किया जा रहा है. पतंजलि के वकील ज्यादा होशियार हैं. पूरा अखबार दाखिल करना पड़ा. कोर्ट ने पतंजलि के खिलाफ समय पर कार्रवाई न करने पर उत्तराखंड सरकार को भी फटकार लगाई. साथ ही एक दिन पहले आईएमए प्रमुख द्वारा दिए गए इंटरव्यू को भी रिकॉर्ड करने को कहा है.

सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई की बातें…

कोर्ट ने पतंजलि को अखबार में माफीनामा का विज्ञापन पेश करने की इजाजत दे दी. ई-फाइलिंग और कटिंग की अनुमति नहीं थी. अगली सुनवाई के लिए बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को सुनवाई के दौरान मौजूद रहने से छूट दे दी गई. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष के मीडिया साक्षात्कार का मुद्दा भी सुना, जिसमें वह उंगली उठाने के लिए आईएमए की आलोचना कर रहे हैं. कोर्ट ने ये इंटरव्यू इसलिए मांगा है ताकि फैसला लिया जा सके कि क्या कार्रवाई की जानी चाहिए.

कोर्ट ने उत्तराखंड लाइसेंसिंग अथॉरिटी की ओर से दाखिल हलफनामे की आलोचना की है. कहा कि जब कोर्ट ने आदेश दिया तब अधिकारी जागे. कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों को खुद ही सावधानी बरतनी होगी. पूछा कि कोर्ट के आदेश से पहले और बाद में क्या कार्रवाई की गयी.

राज्य लाइसेंसिंग अथॉरिटी को 14 मई तक जवाब देने का निर्देश दिया गया है. अगली सुनवाई 17 मई को होगी. सोमवार को अथॉरिटी ने पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी के करीब 14 उत्पादों के मैन्युफैक्चरिंग कर दिए थे.

error: Content is protected !!