अहमदाबाद. गुजरात की एक कोर्ट ने 15 अप्रैल को दिए गए एक आदेश में पीएम नरेंद्र मोदी डिग्री केस (PM Narendra Modi Degree Case) में आरोपी अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और संजय सिंह (Sanjay Singh) को अदालत में पेश होने के लिए कहा था. आज सुनवाई की तारीख तय की गई थी. मगर वे दोनों लोग पेश नहीं हुए. याचिकाकर्ता के वकील अमित नायक ने कहा कि ऐसा लगता है कि सम्मन में बहुत स्पष्टता नहीं थी. इसलिए जज ने आदेश दिया है कि दोनों आरोपियों को शिकायत की कॉपियों के साथ नए सम्मन जारी किए जाएं. सुनवाई की अगली तारीख 7 जून तय की गई है.
अहमदाबाद की एक अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर गुजरात विश्वविद्यालय के खिलाफ उनके कथित व्यंग्यात्मक और अपमानजनक बयानों के लिए आपराधिक मानहानि की शिकायत में 15 अप्रैल को एक सम्मन जारी किया गया था. अहमदाबाद के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जयेशभाई चोवाटिया की अदालत ने AAP के दोनों नेताओं को 23 मई को तलब किया था. गुजरात विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पीयूष पटेल की एक शिकायत पर यह देखने के बाद कि उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) के तहत मामला बनता है, कोर्ट ने केजरीवाल और संजय सिंह को सम्मन भेजा था.
अदालत ने मामले के वाद टाइटल में केजरीवाल के नाम से ‘मुख्यमंत्री’ शब्द हटाने का भी आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा कि ये बयान उन्होंने निजी तौर पर दिए थे. केजरीवाल और सिंह ने यह टिप्पणी गुजरात हाईकोर्ट द्वारा मुख्य सूचना आयुक्त के उस आदेश को रद्द करने के आदेश के बाद की थी, जिसमें गुजरात विश्वविद्यालय (GU) को पीएम नरेंद्र मोदी की डिग्री के बारे में जानकारी देने के लिए कहा गया था. शिकायतकर्ता के मुताबिक उन दोनों ने पीएम मोदी की डिग्री को लेकर विश्वविद्यालय को निशाना बनाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में और ट्विटर हैंडल पर ‘अपमानजनक’ बयान दिए. शिकायतकर्ता ने कहा कि गुजरात विश्वविद्यालय को निशाना बनाने वाली उनकी टिप्पणियां मानहानिकारक हैं और संस्थान की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाती हैं. जिसने जनता के बीच अपना नाम कायम किया है.