Dhirendra Shashtri Row: बागेश्वर बाबा (Bageshwar Baba) बिहार (Bihar) पहुंच चुके हैं. उनके बिहार पहुंचने से पहले ही विवादों ने उनका दामन थाम लिया लेकिन, बिहार पहुंचने के साथ ही बाबा बागेश्वर ने अपने एजेंडा साफ कर दिया है. हालांकि, इस बार बाबा का अंदाज कुछ अलग है लेकिन तेवर वही हैं. यानी बिहार में बाबा के नाम पर हुई सियासत का दौर अभी और तेज हो सकता है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर बिहार सरकार के नेताओं का बैर बीजेपी से लेकिन वो बाबा से बदला क्यों ले रहे हैं? बिहार की धरती पहुंचने से पहले बाबा के नाम पर जमकर सियासत हुई. वार पलटवार हुए लेकिन बाबा बागेश्वर पर ना धमकियों का असर हुआ, ना चुनौतियों की चिंता रही और ना विवादों से कोई खौफ नजर आया. बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बिहार में भव्य स्वागत हुआ.
बिहार में बागेश्वर बाबा का जोरदार स्वागत
बता दें कि बाबा के लिए हजारों महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली. फिर जोरदार स्वागत के लिए गाड़ियों का लंबा काफिला, हजारों लोगों की भीड़ और बाबा ने अपनी मंद मुस्कान से लोगों का अभिवादन स्वीकार किया. बाबा बागेश्वर पटना पहुंचे तो सड़क के दोनों ओर भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा. हजारों की तादात में जुटे लोग बागेश्वर बाबा की एक झलक पाने के लिए उत्साहित थे. जय श्रीराम के नारे लग रहे थे. दर्शन के लिए लोग बाबा के काफिले के सामने आ गए. उन्होंने भी लोगों को निराश नहीं किया. गाड़ी से निकले और लोगों का अभिवादन किया.
धीरेंद्र शास्त्री पर सियासत तेज
लेकिन बिहार में जैसा नजर आ रहा है वैसा बिल्कुल नहीं है बल्कि, एक खेमा बाबा बागेश्वर के उस बयान का इंतजार कर रहा है जो अब तक बाबा बागेश्वर देश के तमाम मंचों से देते आए हैं. बिहार के डिप्टी सीएम के भाई और बिहार कैबिनेट में मंत्री और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव ने बाबा के बिहार दौरे से पहले ही धमकी दी थी कि अगर विवादित बयान देंगे तो उनके खिलाफ एक्शन भी लिया जाएगा. तेज प्रताप यादव ने बाबा बागेश्वर को डरपोक और देशद्रोही तक कहा था.
तेज प्रताप की सेना पर राजनीति
इतना ही नहीं बल्कि बाबा बागेश्वर के लिए तेज प्रताप यादव ने कुछ लोगों को ट्रेनिंग भी दी थी. तेज प्रताप के इन लोगों को बाकायदा सवर्ण सेना का नाम दिया है. हालांकि, तेज प्रताप यादव से जुड़े तमाम विवादों पर बाबा ने बेहद सहज अंदाज में जवाब दिया. पटना एयरपोर्ट पर बाबा बागेश्वर से पूछा गया कि तरह-तरह के सवाल किए जा रहे हैं. सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाया जा रहा है इन सवालों के जवाब में बाबा ने कहा कि सिक्योरिटी की चाक-चौबंद व्यवस्था है. कहीं कोई दिक्कत नहीं है.
बिहार में क्या बोले बागेश्वर बाबा?
बागेश्वर बाबा ने आगे कहा कि बिहार हमारी आत्मा है और ये हमारे दिल में बसता है. सच बोले तो बिहार के लोगों जैसा ह्रदय कहीं के लोगों का नहीं होता है. बिहार में अब बहार आएगी. पत्रकारों ने बाबा से पूछा कि आप यहां हिंदू-मुस्लिम करेंगे तो आपका विरोध किया जाएगा. फिर उन्होंने कहा कि हम हिंदू-मुस्लिम नहीं बल्कि हिंदू-हिंदू करने वाले लोग हैं साहब. हम राजनेता नहीं हैं. हनुमत कथा सनातन धर्म की बात कहती है और हम उसकी ही बात करते हैं.
ऐसा नहीं है कि बिहार में तेज प्रताप यादव अकेले हैं जो बाबा बागेश्वर के विरोधी हैं. बल्कि, जनाधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव भी बाबा के विरोध करने वालों में शुमार है. इतना ही नहीं बल्कि बाबा बागेश्वर को बिहार के शिक्षा मंत्री भी धमकी दे रहे हैं. उनका कहना है कि अगर बाबा ने नफरत फैलाने की कोशिश की तो उन्हें आडवाणी की तरह जेल भेज दिया जाएगा. बिहार के शिक्षा मंत्री के इस बयान का जवाब देने के लिए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मोर्चा संभाला. बाबा के समर्थन में वीआईपी पार्टी भी उतर आई है. खुद को ‘सन ऑफ मल्लाह’ बताने वाले वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने कहा कि बाबा बागेश्वर के आने से बिहार का कल्याण होगा.
बहरहाल तमाम विवादों बवालों और बयानों के बीच बिहार में बाबा बागेश्वर की एंट्री बीजेपी के रेड कार्पेट पर हुई. बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता बाबा के स्वागत में कतार लगाए नजर आए. बागेश्वर सरकार ने ज़ी मीडिया से एक्सक्लूसिव बात की और बिहार की तारीफ भी की. गौरतलब है कि पटना के नौबतपुर में 3 लाख स्क्वायर फीट में बने भव्य पंडाल में बाबा ने हनुंमत कथा से अपने प्रवचन की शुरुआत की. प्रवचन सुनने वालों में बीजेपी के तमाम दिग्गज शामिल हुए. बाबा ने बिहार में अपने प्रवचन के पहले ही दिन हिंदू राष्ट्र की बात करके साफ कर दिया कि वो अपने रुख में कोई बदलाव नहीं करने वाले.
दिलचस्प बात ये है कि बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने पहले ही साफ किया कि बाबा का प्रवचन सुनने का न्यौता सीएम नीतीश कुमार से लेकर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव तक को दिया गया है. एक तरफ बिहार में बाबा का प्रवचन जारी है तो दूसरी तरफ बिहार सरकार में मंत्री सुरेंद्र राम ने बागेश्वर सरकार को सनातन विरोधी बताया. उन्होंने कहा कि ये धर्म विरोधी और सनातन विरोधी हैं, ऐसे ढोंगी बाबाओं को दिल से निकाल कर जमीन पर पटक देना चाहिए. वहीं, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बागेश्वर वाले बाबा का विरोध करने वालों को जवाब दिया.
एक तरफ बीजेपी के नेता हैं जो बागेश्वर वाले बाबा के स्वागत में लगे हैं. बिहार सरकार को बाबा और हनुमान कथा के आयोजन के खिलाफ बता रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ आरजेडी का मानना है कि बीजेपी को अब बाबाओं का ही सहारा है. बिहार में बाबा के नाम पर जमकर सियासत हो रही है. लेकिन भक्तों का उत्साह बाबा के नाम पर दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है. इसकी झांकी बाबा के पहले दिन के प्रवचन के दौरान ही मिल गई. जाहिर है बाबा बागेश्वर के नाम पर बिहार की सियासत में जमकर हंगामा मचा है. लेकिन भक्तों को ना तो बाबा के विरोध से मतलब है और ना ही बाबा के नाम पर मच बवाल से. भक्तों का सरोकार तो हनुमान कथा से और उनके परेशानियों को दूर करने वाले पर्चे का इंतजार है.