लखनऊ. बाहुबली मुख्तार अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राजधानी के आलमबाग थाने में दर्ज एक आपराधिक मामले में दोषी करार दिया है. कोर्ट ने आईपीसी की धारा 506 के तहत मुख्तार अंसारी को 7 साल की सजा सुनाई और 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया.
बता दें कि 28 अप्रैल 2003 को आलमबाग थाने में इस मामले की एफआईआर दर्ज हुई थी. तत्कालीन जेलर एसके अवस्थी ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. ये मामला 23 अप्रैल, 2003 की सुबह साढ़े दस बजे का था. तत्कालीन विधायक मुख्तार अंसारी से जेल में मिलने कुछ लोग आए थे. इन लोगों की तलाशी लेने पर मुख्तार अंसारी भड़क गया था.
मुख्तार अंसारी ने उससे मिलने आए एक युवक से रिवाल्वर लेकर एसके अवस्थी पर तान दी थी. रिवाल्वर दिखाकर मुख्तार ने जेलर एसके अवस्थी को जान से मारने की धमकी दी थी. 23 दिसंबर, 2020 को एमपी एमएलए कोर्ट ने मुख्तार को इस मामले से बरी कर दिया था. एमपी एमएलए कोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार ने हाईकोर्ट में अपील की थी. सरकार की अपील पर हाईकोर्ट में जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की बेंच ने मुख्तार को सजा सुनाई.
आईपीसी की धारा 506 के तहत मुख्तार अंसारी को सुनाई 7 साल की सजा और 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. हाईकोर्ट ने आईपीसी की धारा 353 के तहत सुनाई 2 साल की सजा और लगाया 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया. वहीं आईपीसी की धारा 504 के तहत सुनाई 2 साल की सजा और 2 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. सभी सजा साथ-साथ चलने का कोर्ट ने फैसला दिया. कुल मिलाकर 7 साल की सजा सुनाई गई है.