बता दें कि बजरंगी पहले फायर बिग्रेड चौक में एकत्र हुए फिर कोतवाली थाना की ओर कूच किया. इस आंदोलन के मद्देनजर रायपुर पुलिस ने एहतियातन पहले से ही शहर के 4 ASP, 10 CSP, DSP और 15 से 20 थाना प्रभारी मौके पर तैनात किये है.
संतों ने की गौ-रक्षकों को छोड़ने की मांग
प्रदर्शन के दौरान संतों ने कहा कि, पुलिस अगर चारों गौ-रक्षकों को नहीं छोड़ेगी तो 10 लाख हिंदू यहां आएंगे, इसके बाद 10 करोड़, फिर 100 करोड़ लोग आएंगे. जिन गौ-रक्षकों ने गाय की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया है, उन्हें गलत धारा लगाकर पकड़ा गया है. उन्हें ऐसे गिरफ्तार किया गया, जैसे आतंकवादी को पकड़ा गया हो. डायल-112 के सामने सहारनपुर के तस्कर नदी में कूद गए. उन्हें पता नहीं था कि पुल में पानी है या नहीं.
कांग्रेस ने साय सरकार पर साधा निशाना
बजरंग दल के जेल भरो आंदोलन पर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने साय सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि साय सरकार में प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरीके से चरमारा गई है. बीजेपी की अनुषांगिक संगठन ही उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है. जनता का भरोसा सरकार से उठ गया है.
जानिए क्या है आरंग मॉब लिंचिंग मामला ?
बता दें कि यह घटना 7 जून को रायपुर-महासमुंद सीमा पर हुई थी. यूपी के सहारनपुर निवासी सद्दाम कुरैशी (23), उसके चचेरे भाई गुड्डू खान (35) और चांद मिया खान (23) छत्तीसगढ़ के महासमुंद से रायपुर में मवेशी लेकर जा रहे थे. इसी दौरान आरंग में महानदी नदी के पुल पर उन्हें रोक लिया गया और उन पर भीड़ ने हमला किया. जिसके बाद पुलिस को तीनों पुल के नीचे पड़े मिले थे. दो की उसी दिन मौत हो गई, जबकि जीवित बचे एकमात्र चश्मदीद सद्दाम ने 18 जून को दम तोड़ दिया. जिसके बाद समुदाय विशेष ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन किया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग भी की. जिसके बाद पुलिस ने एसआईटी बनाकर आरोपियों की धर पकड़ शुरु की. पुलिस ने अब तक कुल 4 लोगों को पकड़ा है, जिन पर आरंग मॉब लिंचिंग में शामिल होने के आरोप हैं.