बिलासपुर। यातायात के नियमों का उल्लंघन करने पर लोंगो के मोबाइल पर आइटीएमएस से मैसेज पहुंचता है, लेकिन यह मैसेज यातायात पुलिस विभाग की ओर से भेजा गया है या साइबर ठग ने इसकी जांच करना लोगों की समझदारी पर निर्भर करता है। क्योंकि, साइबर ठग इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से आने वाले ई-चालान का हूबहू फर्जी लिंक बनाकर मोबाइल पर मैसेज के रूप में भेजने का नया पैतरा शुरू कर दिए हैं। अधिकारियों की मानें तो ई-चालान पहुंचने पर दिए गए लिंक पर जीओवी डाट इन (gov.in) देखने के बाद ही ऑनलाइन चालान पटाएं या फिर थाने में पहुंच कर इसकी पुष्टि करें, इसके बाद ही चालान की राशि जमा करें।
साइबर ठग रोजना नए-नए पैतरों का इस्तेमाल कर साइबर ठगी की घटना को अंजाम देने का प्रयास करते रहते हैं। किसी भी नई योजना का पता चलते ही साइबर ठग उसका फायदा उठाते हुए लोंगो को फर्जी तरीके से मैसेज भेज कर ठगी करने का प्रयास करने लगते हैं। इन दिनों साइबर ठग प्रदेश में चल रही ई-चालान योजना को ठगी का आधार बना रहे हैं।
अधिकांश लोंगो के मोबाइल पर फर्जी ई-चालान भेजने की घटनाएं सामने आ रही हैं
यातायात थाने पहुंच कुछ लोगों ने ई-चालान पटाने का प्रयास किया तो उन्हें पता चला कि पुलिस ने उन्हें चालान भेजा ही नहीं था। वेबसाइट चेक करने पर पता चला कि गवर्नमेंट की वेबसाइट और ठगों द्वारा बनाए गए फर्जी वेबसाइट में मामूली सा अंतर है।
अधिकारियों को जब पता चला कि साइबर ठग आइटीएमएस से बने ई-चालान की हूबहू नकल कर ठगी का प्रयास कर रहे हैं, तो वे भी औचक रह गए। अधिकारियों ने लोगो से अपील की है कि, वे ई-चालान आने पर पहले यह पुष्टि कर लें कि उनके पास पहुंचा ई-चालान भेजने वाली संस्था गवर्नमेंट की है या फिर साइबर ठग फर्जी ई-चालान भेज कर ठगी कर रहे हैं।
आइटीएमएस व फर्जी ई-चालान में मामूली अंतर
आइटीएमएस की वेबसाइट से तैयार ई-चालान में https// echalan.parivahan.gov.in/ लिंक दिया गया होता है। इस लिंक पर क्लिक करते ही ई-चालान दिखाने लगता है। इसी वेब साइबर की हूबहू नकल कर साइबर ठगो ने https//echalan.parivahan.in/ नामक फर्जी वेबसाइट बना कर लोंगो को फर्जी मैसेज का लिंक भेज कर ठगी का प्रयास कर रहे हैं।