सुरगी में कलश यात्रा के साथ भागवत कथा प्रारंभ

भागवत कथा साक्षात भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप है

राजनांदगांव।आदर्श ग्राम सुरगी में स्वर्गीय श्रीमती पुष्पलता साहू की वार्षिक श्राद्ध स्मृति में 23 फरवरी से 3 मार्च तक श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है।इसके मुख्य आयोजक ग्राम पंचायत सरपंच आनंद साहू है। कथावाचक पंडित श्री श्याम महाराज है एवं परायणकर्ता पंडित श्री राकेश महाराज है। यज्ञकर्ता श्री बाबूलाल साहू, परीक्षित मुकेश साहू ,श्रीमती गायत्री साहू है। कार्यक्रम के तहत 23 फरवरी गोकर्ण, देवी पूजन भागवत महात्म 24 फरवरी परीक्षित जन्म, श्राप, हिरण्यकश्यप उदधार ,25 फरवरी कपिल अवतार, ध्रुव चरित्र, भरत चरित्र ,26 फरवरी प्रहलाद चरित्र ,समुद्र मंथन ,27 फरवरी रामावतार, श्री कृष्ण जन्म ,28 फरवरी कंस वध, रुखमणी विवाह ,1 मार्च मणि प्रसंग,राजसूय यज्ञ, सुदामा चरित्र,2 मार्च परिक्षित मोक्ष, भागवत चढौत्री, गली भ्रमण, 3 मार्च गीता हवन, तुलसी वर्षा ,पूर्णा हुती वितरण वार्षिक श्राद्ध के साथ समापन होगा। ग्राम पंचायत सुरगी में कलश यात्रा निकालकर भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह प्रारंभ हुआ।जिसकेप्रवचनकर्ता पंडित श्री श्याम महाराज जी ने कथा प्रसंग मे कहा कि यह संसार में सब प्यासा है ,बुद्धि जब बिगड़ जाता हैं तब मनुष्य दूसरों का अपमान करता है तब समझ जाना चाहिए कि जीवन में कोई बड़ी विपत्ति आने वाला है। सर्प काटने से मृत्यु होने पर व्यक्ति को नरक जाना पड़ता है ,उन्होंने कथा प्रसंग में आगे कहा कि पुत्र और प्रजा में राजा को कभी भेद नहीं करना चाहिए वही सच्चा राजा है। राजा परीक्षित प्रजा के दुख में दुख में रहे और सुख में सुखी में रहे। मरण जिस के निकट हो उस जीव को क्या करना चाहिए ? समस्त जीव का कल्याण हो ऐसा उपदेश दो -मानव जीवन का अंतिम मरण है ।7 दिन के अंदर सभी का जन्म, मरण निश्चित है ,सबके मन में मृत्यु के भय है। सबसे बड़ा भय मृत्यु है। हम जीव परिक्षित हैं। भागवत कथा को हम सबको अपने जीवन में अमल करना चाहिए। मनु शतरूपा की उत्पत्ति की कथा सुनाई।
परमात्मा ही जीव का इच्छा पूर्ण कर सकते हैं। अपने हाथ में आए हुए वस्तुओं को दूसरों को दे देना ही संतोष है। भागवत कथा से ताप का नाश होता है, भागवत कथा भक्ति, प्रेम को बढ़ाता है। भागवत की कथा सुनने से नास्तिक को भी आस्तिक आस्तिक बना देती है। भागवत कथा दिव्य ,मुक्ति दायिनी है। भागवत कथा के दर्शन, सुनने से सभी पापों का नाश करने वाली है। 84 लाख योनि के बाद मनुष्य जन्म मिला है है इसे व्यर्थ ना खोए। भागवत कथा साक्षात भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप है। भागवत महापुराण में 18 हजार श्लोक है। भागवत महापुराण कल्पवृक्ष है। सुखदेव जी ने परीक्षित को कथा सुनाई, उन्होंने कहा कि भाग्यशाली जो स्वयं कथा कराते हैं और सबका कल्याण करने वाले महा भाग्यशाली हैं।आयोजकगण आनंद साहू ,जमुना साहू ,इंद्रानी साहू, लक्ष्मी नारायण साहू, नीतू साहू, राकेश साहू, नागेश्वर साहू, मनीषा साहू, अविनाश साहू ,धन्वंतरी साहू, प्रणेश साहू, गीता साहू ,भगईया बाई, कुशल साहू, लीला साहू है। यह जानकारी रुपेंद्र साहू ने दी।

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