रायपुर. भारत माला प्रोजेक्ट मुआवजा घोटाला में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार सुबह प्रदेश की राजधानी रायपुर और महासमुंद में छापा मारा है. यह कार्रवाई हरमीत खनूजा समेत उनके सहयोगियों और संबंधित अधिकारियों के ठिकानों पर की गई है. ईडी अधिकारियों की टीम मौके पर दस्तावेजों की जांच कर रही है.
जानकारी के अनुसार, रायपुर और महासमुंद के करीबन 9 ठिकानों पर छापा पड़ा है. ईडी की कुल 7 अलग-अलग टीमों ने तड़के सुबह एक साथ छापेमार कार्रवाई को अंजाम दिया है. फिलाहाल ईडी अधिकारी मौके पर कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों और डिजिटल अपकरणों की जांच कर रहे हैं.

महासमुंद में दो गाड़ियों में पहुंची टीम
बताया जा रहा है कि महासमुंद में कारोबारी जशबीर सिंह बग्गा के बसंत कॉलोनी स्थित घर में छापेमारी की गई है. वह होंडा शोरूम के मालिक हैं. ईडी की टीम कारोबारी के घर दस्तावेजों की जांच कर रही है. दो गाड़ियों में ईडी अधिकारियों की टीम पहुंची है.
छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत राजधानी रायपुर से विशाखपट्टनम तक 950 कि.मी. सड़क निर्माण किया जा रहा है. इस परियोजना में रायपुर से विशाखापटनम तक फोरलेन सड़क और दुर्ग से आरंग तक सिक्स लेन सड़क बनना प्रस्तावित है. इस सड़क के निर्माण के लिए सरकार ने कई किसानों की जमीनें अधिग्रहित की हैं. इसके एवज में उन्हें मुआवजा दिया जाना है, लेकिन कई किसानों को अब भी मुआवजा नहीं मिल सका है. विधानसभा बजट सत्र 2025 के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद इस मामले में जांच का फैसला लिया गया.
भारतमाला परियोजना के तहत विशाखापट्टनम रायपुर तक बन रही कॉरिडोर में एसडीएम निर्भय साहू और अन्य राजस्व विभाग के अधिकारियों ने भूमाफियों को कई गुना ज्यादा मुआवजा राशि दिलवाया है. इससे सरकार को 600 करोड़ की हानि हुई है. मामला संज्ञान में आने पर मार्च में तत्कालीन एसडीएम निर्भय कुमार साहू, दो तहसीलदार और तीन पटवारी को निलंबित कर दिया गया था. निलंबन के समय निर्भय कुमार साहू जगदलपुर नगर निगम आयुक्त थे. सरकार ने घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपा है. ईओडब्ल्यू आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच कर रही है.

