छात्रावास में छात्रा को लात मारने के मामले में बड़ा एक्शन,छात्रावास अधीक्षक निलंबित…

बीजापुर। प्री-मैट्रिक बालक छात्रावास आवापल्ली की घटना संबंधी वीडियो वायरल होने पर प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की है. छात्रावास अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. वहीं मंडल संयोजक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही मामले में पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है. वहीं पूरे घटनाक्रम पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया है.

कलेक्टर राजेन्द्र कुमार कटारा ने घटना का वीडियो वायरल होने के बाद त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश सहायक आयुक्त आदिवासी विकास केएस मशराम को दिए थे. सहायक आयुक्त ने बताया कि 26 जुलाई को दोपहर 19 वर्षीय छात्रा अपनी 12वीं कक्षा की अंकसूची लेने प्री. मैट्रिक बालक छात्रावास आवापल्ली में निवासरत 10वीं कक्षा के छात्र के पास छात्रावास में आई थी. वीडियो के अनुसार, छात्रा के अंकसूची मांगने पर छात्र से विवाद हुआ, जिसके बाद छात्र ने छात्रा के पेट में लात मारी. 31 जुलाई की शाम यह वीडियो व्हाटसअप के माध्यम से मेरे संज्ञान में लाया गया.

सहायक आयुक्त ने बताया कि मामले को संज्ञान में लेते हुए 1 अगस्त की सुबह घटना स्थल पर पहुंच कर वस्तुस्थिति का जायजा लिया गया. संस्था के अधीक्षक एवं संस्था के 4 छात्रों को बयान लिया गया. बयान के आधार पर दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने वाले संस्था में पदस्थ प्रभारी अधीक्षक रुद्रप्रताप झाड़ी शिक्षक एलबी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर मुख्यालय जिला शिक्षा कार्यालय बीजापुर नियत किया गया है. इसके साथ मंडल संयोजक, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास, विकासखंड उसूर और संस्था में पदस्थ अन्य कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

वर्तमान में भूपेन्द्र मडी, व्याख्याता, स्वामी आत्मानंद विद्यालय आवापल्ली को प्रभारी अधीक्षक प्री. मैट्रिक बालक छात्रावास आवापल्ली का प्रभार सौंपा गया है. इसके साथ ही मंडल संयोजक, आदिम जाति कल्याण विभाग, विकासखंड उसूर को इस घटना की सूचना पुलिस थाना आवापल्ली में देने का निर्देश दिया गया है.

मौन है निर्लज्ज सरकार

आवापल्ली छात्रावास की घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि दाऊ भूपेश बघेल युवाओं के सामने आप बड़ी-बड़ी डींगे हांक रहें हैं, यदि हिम्मत हो तो उन्हें इन परिस्थितियों के बारे में भी बताइए. छत्तीसगढ़ की बेटियों का कभी छात्रावास में शारीरिक शोषण हो रहा है, और कभी उनको हिंसा झेलनी पड़ रही है. लेकिन यह निर्लज्ज सरकार सब देखकर भी मौन है.

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