नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) को बड़ा झटका लगा है. केजरीवाल पर गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat Highcourt) ने पच्चीस हज़ार का जुर्माना ठोका है. केजरीवाल पर ये जुर्माना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की एमए की डिग्री मांगने को लेकर लगाया गया है. गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं है.
गुजरात हाईकोर्ट की सिंगल जज बेंच के जस्टिस बीरेन वैष्णव ने मुख्य सूचना आयोग (सीआईसी) के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें पीएमओ के जन सूचना अधिकारी (पीआईओ) और गुजरात विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय के पीआईओ को प्रधानमंत्री मोदी की स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था.
अदालत ने पीएम की डिग्री मांगने के मामले में ही अरविंद केजरीवाल पर 25000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
गुजरात हाई कोर्ट के आदेश के बाद अरविंद केजरीवाल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एक ट्वीट भी किया. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने लिखा- क्या देश को ये जानने का भी अधिकार नहीं है कि उनके PM कितना पढ़े हैं? कोर्ट में इन्होंने डिग्री दिखाए जाने का ज़बरदस्त विरोध किया। क्यों? और उनकी डिग्री देखने की माँग करने वालों पर जुर्माना लगा दिया जायेगा? ये क्या हो रहा है?अनपढ़ या कम पढ़े लिखे PM देश के लिए बेहद ख़तरनाक हैं.
गुजरात यूनिवर्सिटी ने सीआईसी के आदेश को दी थी चुनौती
2016 में, सूचना के अधिकार (आरटीआई) अनुरोध का जवाब देते हुए केंद्रीय सूचना आयोग ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), गुजरात विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय को पीएम मोदी की स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री के बारे में जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था.
गुजरात यूनिवर्सिटी ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
पीएम मोदी के चुनावी दस्तावेजों के मुताबिक उन्होंने 1978 में गुजरात विश्वविद्यालय से स्नातक किया और 1983 में दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री पूरी की.