दिल्ली/भोपाल. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजस्थान से राज्यसभा के लिए बुधवार को अपना नामांकन भर दिया है. इसी बीच उन्होंने रायबरेली लोकसभा की जनता को एक भावुक पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने रायबरेली से लोकसभा चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है. सोनिया गांधी ने लिखा मेरा परिवार दिल्ली में अधूरा है, वह रायबरेली आकर आप लोगों में मिलकर पूरा होता है, यह नेह-नाता बहुत पुराना है और अपनी ससुराल से मुझे सौभाग्य की तरह मिला है.
सोनिया गांधी ने अपने पत्र में कहा है कि रायबरेली के साथ हमारे परिवार के रिश्तों की जड़ी बहुत गहरी हैं. आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में आपने मेरे ससुर फिरोज गांधी जी को यहां से जीत कर दिल्ली भेजा. उनके बाद मेरी सास इंदिरा गांधी को आपने अपना बना लिया. तब से अब तक या सिलसिला जिंदगी के उतार-चढ़ाव और मुश्किल भरी राह पर प्यार और जोश के साथ आगे बढ़ता गया और इस पर हमारी आस्था मजबूत होती चली गई.
आज जो हूं आपकी बदौलत: सोनिया गांधी
इसी रोशन रास्ते पर आपने मुझे भी चलने की जगह दी. सास और जीवन साथी को हमेशा के लिए खोकर मैं आपके पास आई और आपने अपना आंचल मेरे लिए फैला दिया. पिछले दो चावन में विषम परिस्थितियों मैं भी आप एक चट्टान की तरह मेरे साथ खड़े रहे मैं यह कभी भूल नहीं सकती. यह कहते हुए मुझे गर्व है कि आज मैं जो कुछ भी हूं आपकी बदौलत हूं और मैं इस भरोसे को निभाने की हरदम कोशिश की है.
मेरे परिवार को संभाल लेंगे: सोनिया गांधी
सोनिया ने आगे लिखा- अब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते मैं अगला लोकसभा चुनाव नहीं लडूंगी. इस निर्णय के बाद मुझे आपकी सीधी सेवा का अवसर नहीं मिलेगा. लेकिन यह तय है कि मेरा मन-प्राण हमेशा आपके पास रहेगा. मुझे पता है कि आप भी हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभाल लेंगे जैसे अब तक संभालते आए हैं. बड़ों को प्रणाम छोटों को स्नेह ! जल्द मिलने का वादा.
रायबरेली से सोनिया का सफर
- अमेठी और रायबरेली से सोनिया के राजनीतिक सफर की बात करें तो सोनिया गांधी ने 1999 में उत्तर प्रदेश के अमेठी और कर्नाटक के बेल्लारी से पहला चुनाव लड़ा.
- सोनिया दोनों जगह से जीतीं लेकिन वे अमेठी की सांसद बनी रहीं और बेल्लारी को छोड़ दिया. 2004 में वे अमेठी छोड़कर ड़ोस की सीट रायबरेली से मैदान में उतरीं और जीत हासिल कीं.
- रायबरेली उत्तर प्रदेश की प्रमुख लोकसभा सीटों में से एक है. इस जगह के नेहरू-गांधी परिवार के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी से भी ऐतिहासिक संबंध हैं.
- 1952 में फिरोज गांधी पहली बार रायबरेली से जीते. इंदिरा भी यहां से चुनाव जीत चुकी हैं. सोनिया गांधी ने 2004, 2009, 2014 और 2019 में रायबरेली लोकसभा सीट जीती.