बोले- हिंदी भाषा घर-घर पहुंचेगी
भोपाल। शिवराज सरकार एमपी में अंग्रेजी भाषा में लगे बोर्ड को बदेली। अब सिर्फ हिंदी भाषा में ही बोर्ड और होर्डिंग लगाए जाएंगे। ये घोषणा सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने भोपाल के भारत भवन में चिकित्सा शिक्षा विभाग(medical education department) द्वारा आयोजित “हिंदी की व्यापकता एक विमर्श” कार्यक्रम में की।
मध्यप्रदेश ने कई इतिहास रचे हैं। प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने शिक्षा का माध्यम मातृभाषा हो, यह संकल्प करके दिया। मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता है कि अपनी मातृभाषा हिंदी में मेडिकल व तकनीकी की शिक्षा देने का सबसे पहला क्रियान्वयन मप्र में हो रहा है।:CM #MP_में_हिंदी_में_MBBS pic.twitter.com/WvtZoz19fN
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) October 15, 2022
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि शहरों में अंग्रेजी भाषा के बोर्ड बदले जाएं। हिंदी भाषा में बोर्ड और होर्डिंग लगाए जाएं। यह भी सरकारी काम है, कोई समस्या नहीं है। अब मध्यप्रदेश से नए युग की शुरुआत हो रही है। नाम बदलने के लिए सीएम ने मंच से ही भोपाल महापौर मालती राय को निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे ज्यादा कुछ कहना नहीं है क्योंकि हमें करना है। हिंदी विश्वविद्यालय उसी का परिणाम था, ये अलग बात है कि कम सफल हुआ या ज्यादा। जनमानस में परिवर्तन हो रहा है आगे भी होगा। हालांकि कुछ शब्द जो अब व्यहवारिक हैं उन्हें भी शामिल करना होगा।अगर हम व्यहवारिक नहीं होंगे तो असफल हो जाएंग। इस दौरान हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई को लेकर ‘मंदार टीम’ से चर्चा की। बता दें कि चिकित्सा शिक्षा विभाग के हिंदी प्रकोष्ठ ने मंदार बनाया है। एमबीबीएस की पुस्तकों का हिंदी में रूपांतरण हिंदी वार्ड रूम ‘मंदार’ कर रहा है। रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित(Union Home Minister Amit Shah) शाह हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई(medical studies in hindi)की पुस्तकों का विमोचन करेंगे। इस दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Medical Education Minister Vishwas Sarang) के साथ-साथ संभागायुक्त गुलशन बामरा, हमीदिया अधीक्षक डॉ.आशीष गोहिया सहित विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।
ख्यमंत्री ने कहा कि हम अंग्रेजी के विरोधी नहीं है। लेकिन राष्ट्रभाषा के प्रति जागरुकता जरूरी है। आज यह मानसिकता गलत है कि अंग्रेजी के बिना काम नहीं हो सकता है। मैंने कई मेडिकल कॉलेज के बच्चों को सिर्फ इसलिए मेडिकल कॉलेज छोड़ते देखा है क्योंकि उसकी अंग्रेजी अच्छी नहीं है। यह एक सामाजिक क्रांति है कुछ भी असंभव नहीं है। जब मैंने घोषणा की थी कि तो कुछ लोग मुह पीछे कर के हंस रहे थे लेकिन अब हमने कर के दिखा दिया है।
रूस, जापान, जमर्नी और चाइना में अंग्रेजी को कोई नहीं पूछता
सीएम ने कहा कि रूस, जापान, जमर्नी और चाइना जैसे देशों में कौन अंग्रेजी को पूछता है? हम ही गुलाम हो गए है। सीएम मजाकिया अंदाज में कहा – दवाई के नाम हिंदी में क्यों नहीं लिखे जा सकते, ऊपर श्री हरि लिखो और नीचे दवाइयों का नाम लिखो जब हिंदी भाषा(Hindi language) घर घर पहुंचेगी, तब अंग्रेजी की चुड़ैल उतरेगी।