खुदरा महंगाई के मामले में अगस्त के आंकड़ों ने बड़ी राहत दी है. अगस्त में खुदरा महंगाई दर सालाना आधार पर घटकर 6.83 फीसदी पर आ गई है. वहीं, इससे पहले जुलाई में महंगाई दर 7.4 फीसदी दर्ज की गई थी. जो 15 महीने का उच्चतम स्तर था. वहीं, खाद्य मूल्य सूचकांक में गिरावट आई है.
खाद्य पदार्थों की महंगाई दर जुलाई 2023 के 11.51 फीसदी से घटकर अगस्त में 9.94 फीसदी पर आ गई है. आंकड़ों से पता चलता है कि अगस्त महीने में ग्रामीण और शहरी इलाकों में कुल महंगाई दर 7.02 फीसदी और 6.59 फीसदी रही. वहीं, उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (CFPI) ग्रामीण इलाकों में बढ़कर 9.67 फीसदी और शहरी इलाकों में 10.42 फीसदी हो गया.
मौसमी उतार-चढ़ाव के कारण खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों के कारण जुलाई में भारत में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 15 महीने के उच्चतम स्तर 7.4 प्रतिशत पर पहुंच गई. भारत में खाद्य मुद्रास्फीति जुलाई में तीन साल के उच्चतम स्तर 11.5% पर पहुंच गई, जिससे खुदरा मुद्रास्फीति 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गई.
पिछले हफ्ते आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि केंद्रीय बैंक को सितंबर से मुद्रास्फीति में गिरावट की उम्मीद है. उन्होंने कहा था कि हमें उम्मीद है कि सितंबर से कुल मुद्रास्फीति कम होने लगेगी. उन्होंने कहा था कि टमाटर की कीमतें पहले ही गिर चुकी हैं और अन्य सब्जियों की खुदरा कीमतें भी इस महीने से कम होने की उम्मीद है.
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के अर्थशास्त्री (एशिया प्रशांत) विश्रुत राणा ने हाल ही में कहा था कि निकट भविष्य में भारत में मुद्रास्फीति ऊंची रहने की संभावना है, लेकिन सरकारी नीतियां इसे और बढ़ने से रोकेंगी. उन्होंने कहा कि यह काफी चिंता का विषय है क्योंकि इसका असर अगले कुछ महीनों में भारत में अनाज की कीमतों पर पड़ सकता है.
उन्होंने कहा कि आपूर्ति बहुत मजबूत बनी हुई है और सरकार कमोडिटी, गेहूं और चावल की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि को रोकने के लिए कदम उठा सकती है. इससे खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति को थोड़ा कम रखने में मदद मिलेगी.