बिलासपुर.प्रदेश में जमीन और मकान बिक्री की रजिस्ट्री को लेकर हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. मंगलवार को इस मामले में सुनवाई के बाद जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच ने कहा, कि अगर रजिस्ट्री में लिखी गई रकम, बेचने वाले को नहीं मिलती है तो ऐसी बिक्री रजिस्ट्री शून्य घोषित की जाएगी. कोर्ट ने इस आदेश के साथ याचिकाकर्ता की अपील खारिज कर दी है.
बता दें, कि बस्तर क्षेत्र के एक जमीन विवाद को लेकर हाईकोर्ट में एक अपील दायर की गई थी. उसमें जमीन विक्रेता ने बस्तर की निचली अदालत द्वारा 9 सितंबर 2015 को पारित आदेश को चुनौती देते हुए बताया गया कि फनिद्र भारत नाम के व्यक्ति से 8.60 हेक्टेयर भूमि का सौदा 19 लाख 72 हजार में किया था. इस सौदा के तहत 25 फरवरी 2015 को रजिस्ट्री हुई, इस रजिस्ट्री में 4 लाख 89 हजार रुपये चेक के माध्यम से और 11 हजार नकद विक्रेता को दिए गए. इसके अलावा शेष 14 लाख 72 हजार का एक और चेक दिया गया और चेक की राशि का भुगतान किए बगैर ही जमीन की रजिस्ट्री हो गई.
इसके बाद जब बेचने वाले ने बैंक में चेक लगाया तो वह चेक बाउंस हो गया. जानकारी लेने पर पता चला कि खरीदने वाले ने बैंक से चेक द्वारा भुगतान को रोक दिया था. विक्रेता ने जिला न्यायालय में याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि धोखा देकर जमीन की रजिस्ट्री कराई गई है. निचली अदालत ने खरीददार के द्वारा पैसा नहीं देने के कारण रजिस्ट्री निरस्त कर दी. अपीलकर्ता ने बताया कि खरीदी गई जमीन पर दूसरे लोगों का कब्जा था. इसलिए चेक को रुक गया था. सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अपील खारिज करते हुए आदेश दिया कि रजिस्ट्री में चेक नंबर और मूल्य दर्ज है. बैंक में अगर चेक बाउंस हो गया हो तो खरीददार की रजिस्ट्री शून्य घोषित हो जाएगी.