वक्फ बोर्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में AAP विधायक अमानतुल्लाह खान को जमानत मिल गई है. अदालत ने उन्हें 15,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है. ईडी के समन पर आप विधायक के पेश नहीं होने पर कोर्ट से शिकायत की गई थी, जिसके बाद अदालत से जारी समन पर वह पेशी के लिए पहुंचे थे. ED ने हाल ही में दिल्ली वक्फ बोर्ड में नियुक्ति और उसकी संपत्तियों को पट्टे पर देने में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले में पूछताछ के लिए पेश नहीं होने और जांच में शामिल नहीं होने के लिए उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
ED ने इस मामले में पूछताछ के लिए अमानतुल्लाह खान को 6 समन भेजे थे. लेकिन समन मिलने के बाद भी वह पेश नहीं हुए थे. कोर्च में भी उन्होंने सुप्रीम अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल के अपने आदेश में खान को कोई राहत देने से इनकार कर दिया था और विधायक द्वारा ईडी के समन में शामिल न होने पर नाराजगी जताई थी, जिसके बाद ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान खान एजेंसी के समक्ष उपस्थित हुए हैं.
18 अप्रैल को जांच में शामिल होने का शीर्ष अदालत ने उन्हें निर्देश दिया था. 18 अप्रैल को अमानतुल्लाह खान ईडी के सामने पेश हुए जहां उनसे 13 घंटे पूछताछ की गई.
क्या है ईडी का आरोप?
ईडी ने दावा किया है कि अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती के माध्यम से बड़ी रकम नकद में अर्जित की और अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने के लिए उस रकम का निवेश किया. अमानतुल्लाह के परिसरों पर ED की छापेमारी भी हो चुकी है
ईडी ने कहा कि आपराधिक गतिविधियों से बड़ी रकम अर्जित की और इस नकद राशि को अपने सहयोगियों के नाम पर दिल्ली में विभिन्न अचल संपत्तियों की खरीद में निवेश किया. इसमें कहा गया था कि छापे के दौरान कई अपराधिक सामग्री जब्त की गई, जो धनशोधन के मामले में अमानतुल्लाह खान की भूमिका का संकेत देती है.