नई दिल्ली: Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) की वजह से पूरी दुनिया को नुकसान हो रहा है. शेयर बाजार से लेकर सर्राफा बाजार तक बिकवाली का माहौल दिख रहा है. इससे भारत को भी काफी ज्यादा नुकसान हो रहा है. दरअसल, भारत के रूस और यूक्रेन दोनों के साथ से व्यापारिक संबंध हैं. इस विवाद की वजह से चालू वित्त वर्ष 2021-2022 में सरकार का उर्वरक सब्सिडी बिल (Fertilizer Subsidy Bill) लगभग 10,000 करोड़ रुपये बढ़ सकता है.
किसानों के लिए सरकार बना रही प्लान
विभाग के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि अमेरिका और ओपेक के सदस्य देशों की तरफ से उत्पादन बढ़ाने के कारण अगले 2-3 महीनों में कच्चे तेल की कीमतें कम होने की उम्मीद जताई जा रही है. चालू वित्त वर्ष में संशोधित अनुमानों (RE) के मुताबिक उर्वरक सब्सिडी 1.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक रह सकती है, वहीं अगले वित्त वर्ष के बजट अनुमानों (BE) के मुताबिक सब्सिडी 1.05 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहेगी. यानी इस जंग से भारत के आर्थिक बजट पर भी बड़ा असर पड़ेगा.
कच्चे तेल की कीमतें भी कम हो सकती हैं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अधिकारी ने बताया कि हमें उम्मीद है कि अगले 2-3 महीनों में कच्चे तेल की कीमतें कम हो जाएंगी. तेल की बढ़ती कीमतों से उर्वरक सब्सिडी को छोड़कर चालू वित्त वर्ष में सरकार के बजट में कोई बदलाव नहीं आएगा. उर्वरक सब्सिडी के लगभग 10,000 करोड़ रुपये तक बढ़ने का अनुमान है.
यूरिया की कीमतों में हो सकती है बढ़ोतरी
हालांकि सरकार ने इसके लिए तैयारी कर रखी है. अधिकारी ने बताया कि चूंकि किसानों को बुवाई के मौसम की शुरुआत से पहले उर्वरकों के भंडारण की जरूरत होती है, इसलिए ऐसे समय में पोटाश के आयात के लिए अंतरराष्ट्रीय कीमतों के कम होने तक इंतजार नहीं किया जा सकता. वरना इससे उत्पादन पर असर पड़ेगा. इसके अलावा प्राकृतिक गैस की कीमतों में बढ़ोतरी से यूरिया की घरेलू कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका है.
रूस-यूक्रेन विवाद का तीसरा हफ्ता
गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध का ये तीसरा हफ्ता है. रूस और यूक्रेन के विवाद में यूक्रेन दिन-प्रतिदिन तो तबाह हो ही रहा है, पूरा विश्व इस जंग की चपेट में है. यहां तक कि रूस को भी इससे काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के मुताबिक रूस-यूक्रेन युद्ध में अभी तक 579 लोगों की मौत हो चुकी है और 1 हजार से भी ज्यादा लोग घायल हुए हैं. यूक्रेन के लोग धीरे-धीरे पलायन भी कर रहे हैं.