पोर्ट लुईस। अंग्रेजों के द्वारा कभी गन्ने की खेती से मॉरीशस ले जाए गए भारतीयों की संतानों को भारत ने बड़ी सौगात दी है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 11 मार्च को मॉरीशस में भारतीय मूल के 7वीं पीढ़ी के व्यक्तियों को भारत की विदेशी नागरिकता (ओसीआई) कार्ड देने के लिए एक विशेष प्रावधान को मंजूरी दे दी है.
राजधानी पोर्ट लुइस में मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में बोलते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “‘खून का रिश्ता’ का मैंने पहले उल्लेख किया था, मुझे आप सभी को यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि मेरी सरकार ने हाल ही में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है. विशेष प्रावधान जिसके तहत भारतीय मूल के 7वीं पीढ़ी के मॉरीशस निवासी भी भारत के विदेशी नागरिक कार्ड (ओसीआई कार्ड) के लिए पात्र होंगे.” उन्होंने कहा, “इससे भारतीय मूल के कई युवा मॉरीशसवासी भारत के विदेशी नागरिक बन सकेंगे और अपने पूर्वजों की भूमि से फिर से जुड़ सकेंगे.”
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने भाषण के दौरान विभिन्न विकास परियोजनाओं के माध्यम से मॉरीशस को भारत के समर्थन पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच स्थायी संबंध समृद्ध और चुनौतीपूर्ण दोनों समय में एकजुटता दिखाते हैं.
“मेट्रो परियोजना, नया ईएमटी अस्पताल, नया सुप्रीम कोर्ट भवन, नया सौर ऊर्जा संयंत्र, और कई अन्य भारत-सहायता प्राप्त विकास परियोजनाएं सभी मॉरीशस के कल्याण का समर्थन करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता के दृश्य प्रतीक हैं.” उन्होंने कहा, ”भारत के प्रमुख प्रवासी कार्यक्रम, पिछले जनवरी में इंदौर में प्रवासी भारतीय दिवस में मॉरीशस का बड़ा प्रतिनिधिमंडल और हमारे जी20 की अध्यक्षता के दौरान मॉरीशस की भागीदारी इसका प्रमाण है.”
राष्ट्रपति मुर्मू ने मॉरीशस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई हालिया पहलों को भी रेखांकित किया, जिसमें यूपीआई और रुपे कार्ड निपटान प्रणाली की शुरूआत भी शामिल है. इसके अलावा अन्य उल्लेखनीय परियोजनाओं में एक नई हवाई पट्टी, एक जेटी का उद्घाटन और अगालेगा में छह सामुदायिक विकास परियोजनाएं शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, मॉरीशस को सस्ती उच्च-आनुवंशिक दवाओं की आपूर्ति करने की पहल की घोषणा की गई है.