बिलासपुर। कोरोना काल की आपदा को अवसर बनाने वाले पंचायत सचिव के खिलाफ आखिरकार कार्रवाई हुई। जिला पंचायत सीईओ ने मस्तूरी जनपद पंचायत की ग्राम पेंडी पंचायत सचिव जीवराखन साहू को निलंबित कर दिया है। वहीं अब सरपंच की कुर्सी भी चल खिसक सकती है।
नईदुनिया ने मस्तूरी जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत पेंड्री में हुए भ्रष्टाचार का राजफाश किया था। इसमें बताया गया था कि कोरोना की तीसरी लहर के दौरान जब पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ था उस दौर में मस्तूरी जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली पंचायत पेंड्री के सरपंच खम्हनलाल चतुर्वेदी और सचिव जीवराखन साहू बड़ी आसानी से भष्ट्राचार को अंजाम देकर अपनी जेबें भर रहे थे। तीसरी लहर के दौरान बड़ी संख्या में बाहरी राज्यों में गए श्रमिकों की वापसी हुई थी।
ये ऐसे श्रमिक थे जो कमाने खाने के लिए बाहर गए थे। इन्हें गांवों ठहराने के लिए क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था। पेंड्री में भी क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया। इसमें 752 श्रमिक ठहरे हुए थे। इनके लिए टेंट, भोजन सामग्री आदि व्यवस्था के लिए ग्राम पंचायत को अधिकृत किया गया था। पंचायत के अनुसार श्रमिकों के खानपान में 16 लाख 35 हजार 400 रुपये खर्च करने की जानकारी दी गई है। यह पूरी राशि 14 वें वित्त के मद से खर्च किए गए।
संबंधित फर्म को इसका भुगतान आनलाइन करना था, लेकिन सरपंच और सचिव ने नियमों को धता बताते हुए 16 लाख 35 हजार 400 रुपये बैंक से निकालकर भुगतान कर दिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पंचायत सीईओ ने पंचायत सचिव जीवराखन साहू को निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।
योगेंद्र को मिला प्रभार
पेंड्री के पंचायत सचिव को निलंबित करने के बाद हिर्री ग्राम पंचायत में पदस्थ योगेंद्र सिंह ठाकुर को पेंड्री का नया सचिव नियुक्त किया गया है। ठाकुर हिर्री के अलावा पेंड्री की कमान भी संभालेंगे।