Bisleri Company Owner: जब भी कभी बाहर पानी की बोतल खरीदते हैं तो एक ब्रांड सभी के ध्यान में आता है और वो है बिसलेरी. भारत में बिसलेरी की पानी की बोतल काफी खरीदी जाती है. वहीं अब बिसलेरी कंपनी के बारे में अहम जानकारी सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि बिसलेरी इंटरनेशनल के अध्यक्ष रमेश चौहान की बेटी जयंती चौहान अब बोतलबंद पानी कंपनी की प्रमुख होंगी, क्योंकि टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (TCPL) अधिग्रहण प्रक्रिया से हट गई है.
बिसलेरी
रिपोर्ट्स के मुताबिक बिसलेरी के चेयरमैन रमेश चौहान ने कहा, ‘जयंती हमारी प्रोफेशनल टीम के साथ कंपनी को चलाएगी और हम बिजनेस को बेचना नहीं चाहते.’ 42 साल की जयंती चौहान वर्तमान में उस कंपनी में वाइस चेयरपर्सन हैं, जिसे उनके पिता ने बनाया था. जयंती चौहान ने अपना अधिकांश बचपन दिल्ली, मुंबई और न्यूयॉर्क शहर में बिताया है.
बिसलेरी पानी
वहीं हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद जयंती चौहान Product Development की पढ़ाई करने के लिए लॉस एंजिल्स के फैशन इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन एंड मर्चेंडाइजिंग (FIDM) में चली गई थी, जिसके बाद उन्होंने इस्टिटूटो मारंगोनी मिलानो में फैशन स्टाइलिंग को आगे बढ़ाया. उन्होंने लंदन कॉलेज ऑफ फैशन से फैशन स्टाइलिंग और फोटोग्राफी में भी योग्यता हासिल की है.
बिसलेरी पानी बोतल
वहीं दूसरी तरफ मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के मुताबिक जयंती एंजेलो जॉर्ज के नेतृत्व वाली पेशेवर प्रबंधन टीम के साथ काम करेंगी. 82 वर्षीय चौहान ने इस साल की शुरुआत में अनुमानित 7000 करोड़ रुपये में ब्रांड को टाटा समूह को बेच दिया था. भारत के सबसे बड़े बोतलबंद पानी ब्रांड के साथ सौदा टाटा कंज्यूमर के जरिए “अनिर्णय” के कारण रद्द कर दिया गया था.
टाटा के साथ डील
उन्होंने कहा कि मूल्यांकन को लेकर कोई मतभेद नहीं है. विश्लेषकों के मुताबिक, भविष्य में प्रवर्तक अपना विचार बदल सकते हैं. वहीं टाटा कंज्यूमर ने कथित तौर पर दो साल पहले चौहान परिवार के साथ बातचीत शुरू की थी, लेकिन पिछले हफ्ते बातचीत बंद कर दी. जयंती वर्षों से समय-समय पर व्यवसाय से जुड़ी रही हैं. बिसलेरी के पोर्टफोलियो का हिस्सा वेदिका ब्रांड हाल के वर्षों में उनका फोकस रहा है.
बिसलेरी और टाटा
वहीं टाटा समूह की फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) शाखा ने 17 मार्च को एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, “कंपनी ने बिसलेरी इंटरनेशनल के साथ किसी भी निश्चित समझौते या बाध्यकारी प्रतिबद्धता में एंट्री नहीं की है.