BREAKING NEWS: बीरभूम हिंसा में TMC नेता और मुख्य आरोपी अनारूल हुसैन गिरफ्तार, CM ममता बनर्जी के आदेश के बाद कार्रवाई

पश्चिम बंगाल के बीरभूम (Birbhum Violence Case) में आठ लोगों को जिंदा जलाने के मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) के आदेश के तुरंत बाद हिंसा के मुख्य आरोपी अनारूल हुसैन को गिरफ्तार (Anarul Hussain Arrested) कर लिया गया है. जानकारी के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस पार्टी के नेता अनारूल को तारापीठ से गिरफ्तार किया गया है. अनारूल 1998 में कांग्रेस पार्टी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे. इस मामले पर TMC प्रवक्ता कुणाल घोष (Kunal Ghosh)ने कहा, “अनारूल की खोज पहले से चल रही थी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निर्देश दिया था. उनकी तलाश चल रही थी. इससे यह साबित होता है कि TMC कोई रंग नहीं देखती है.”

बीरभूम के टीएमसी के नेताओं ने सीएम ममता बनर्जी से अनारूल की शिकायत की थी उसके बाद सीएम ममता बनर्जी के निर्देश के बाद अनारूल को 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया गया. सीएम के निर्देश के बाद वह अपने घर से फरार हो गया था उसे तारापीठ से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं मामले में गिरफ्तार हुए अनारूल हुसैन ने खुद को निर्दोष बताया है. अनारूल हुसैन ने कहा है कि वारदात वाले दिन भादु शेख की हत्या के बाद वह रात भर उनके साथ अस्पताल में थे. आगजनी की घटना से उनका कोई लेना-देना नहीं है. दरअसल घटना के बाद से ही गांव में आगजनी को लेकर गांव वालों ने अनारूल हुसैन को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि अनारूल के नेतृत्व में ही लोगों ने गांव के घरों में आगजनी की थी.

पुलिस की टीम को भी अनारूल ने ही रास्ते में रोका

यहां तक कि मौके पर आ रही पुलिस की टीम को भी अनारूल ने ही रास्ते में रोका था. सूत्रों ने बताया है कि पुलिस के आला अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को इस बारे में जानकारी दी है जिसके बाद वह नाराज हैं और अनारूल को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था और उसके बाद गिरफ्तार कर लिया गया है.

हिंसा वाले इलाके में किसी भी चीज से छेड़छाड़ नहीं करने के निर्देश

वहीं इस घटना पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया और गुरुवार को 24 घंटा निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया था. कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए हिंसा प्रभावित इलाके में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. गुरुवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि, सच सभी के सामने जरूर आना चाहिए. साथ ही राज्य सरकार को भी निर्देश दिए गए हैं कि वो गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराए. इसके अलावा जहां इस हिंसा को अंजाम दिया गया, वहां किसी भी चीज से छेड़छाड़ नहीं करने के निर्देश भी जारी किए गए थे. हाईकोर्ट ने कहा था कि, इसके लिए कैमरे लगाए जाएं.

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