नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि रिश्वत मामले में दक्षिण पश्चिमी कमान से जुड़े भारतीय रक्षा लेखा सेवा (आईडीएएस-98) के एक अधिकारी उमाशंकर प्रसाद कुशवाह की गिरफ्तारी के बाद सर्च अभियान चलाया गया। इस दौरान सीबीआई टीम ने जयपुर, जींद, बठिंडा, गंगा नगर सहित नौ अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर 40 लाख रुपये और सरकारी नौकरों से संबंधित विभिन्न संपत्ति दस्तावेज और आपत्तिजनक दस्तावेज बारामद किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार मामले में कुशवाह के अलावा सीबीआई ने आईएफए दफ्तर में लेखाधिकारी के तौर पर पदस्थ राम रूप मीणा, जूनियर ट्रांसलेटर विजय नामा और जयपुर स्थित तनुश्री कई के कथित बिचौलिये राजेंद्र सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, आईडीएएस अधिकारी उमाशंकर प्रसाद कुशवाहा वर्तमान में जयपुर में दक्षिण पश्चिमी कमान एकीकृत वित्तीय सलाहकार (आईएफए) के रूप में तैनात थे। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उमाशंकर प्रसाद कुशवाहा के अलावा आईएफए कार्यालय में तैनात लेखाधिकारी राम रूप मीणा, जूनियर ट्रांसलेटर विजय नामा, हरियाणा में जिद के हाईटेक सिक्योरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के सुनिल कुमार, राजस्थान में श्री गंगानगर के ईएसएस पीई ट्रेडर्स के प्रबजिंदर सिंह बराड़, पंजाब के भटिंडा में डीके इंटरप्राइजेज के दिनेश कुमार जिंदल और जयपुर में झोटवाड़ा के तनुश्री सर्विसेस के राजेंद्र सिंह के खिलाफ रिश्वत का मामले दर्ज किया था।
ऐसा आरोप था कि तीन निजी फर्मों के आरोपियों ने एक साजिश रची थी जिसके तहत दक्षिण पश्चिमी कमान में विभिन्न स्थानों के लिए संरक्षण सेवाओं की आउटसोसिर्ंग से संबंधित सभी कार्य प्राप्त कर रहे थे। रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई का आरोप है कि कुशवाहा, मीणा, नामा और सिंह मिलीभगत से नियमित रूप से आरोपी प्राइवेट ठेकेदारों से उनके बिलों को चुकाने और अनुबंध प्राप्त करने और लिए दिशा-निदेशरें का उल्लंघन कर उनका पक्ष लेने के लिए सुविधाएं और रिश्वत प्राप्त कर रहे थे। गिरफ्तार आरोपियों को पंचकूला की सक्षम अदालत में पेश किया जाएगा।